रायपुर- मुख्यमंत्री डा.रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन सिंह और उनकी पत्नि के विरूद्ध भ्रामक खबरें प्रकाशित करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने वरिष्ठ पत्रकार गिरीराज शर्मा के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने का आदेश जारी किया है। गिरीराज शर्मा पर आऱोप था कि राजधानी रायपुर से प्रकाशित समाचार पत्र पत्रिका के 30 अक्टूबर 2012 के अंक में तत्कालीन संपादक रहते हुए उन्होंने तथ्यहीन औऱ दुराग्रहपूर्ण समाचार प्रकाशित किया था। इसकी सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने गिरीराज शर्मा के विरूद्ध मानहानि का फौजदारी प्रकरण दर्ज करने का आदेश दिया।
पत्रिका समाचार पत्र ने प्रकाशित समाचार में कहा था कि- चुनाव परिणाम के पश्चात् मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के प्रमुख सचिव अमन कुमार सिंह दुबई भाग सकते हैं। इसके साथ ही कई अन्य आरोप भी अमन सिंह के खिलाफ लगाये गये थे। कांग्रेस प्रवक्ता आर पी सिंह और टिकेन्द्र ठाकुर की शिकायत के आधार पर यह समाचार प्रकाशित की गई थी। इस पर आपत्ति दर्ज करते हुए अमन सिंह ने भारतीय दंड विधान की धारा 499 तथा 500 के अंतर्गत दो करोड़ रूपए की मानहानि का प्रकरण दंडाधिकारी की अदालत में प्रस्तुत किया था। इस पर टिकेन्द्र ठाकुर तथा आर पी सिंह मानहानि का प्रकरण दर्ज किया गया था, परंतु तत्कालीन संपादक गिरीराज शर्मा को छोड़ दिया गय़ा था। गिरीराज शर्मा को भी आऱोपी बनाए जाने हाईकोर्ट में पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत की गई थी, लेकिन राहत नहीं मिलने की स्थिति में अमन सिंह ने 26 सितंबर 2014 के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दायर की। अमन सिंह के अधिवक्ता राकेश श्रोती की दलीलों पर सहमति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश एस ए बोबडे तथा एल नागेश्वर राव की डबल बेंच ने छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया। साथ ही व्यवस्था दी कि प्रेस एंड रजिस्ट्रेशन एवं बुक एक्ट की धारा 7 में उल्लेख है कि समाचार पत्र में प्रकाशित समस्त समाचारों के प्रकाशन की जवाबदेही स्थानीय संपादक की होगी है, लिहाजा न्यायायिक दंडाधिकारी रायपुर गिरीराज शर्मा के विरूद्ध मानहानि का फौजदारी प्रकरण दर्ज करते हुए गिरीराज शर्मा को समन जारी करे।