बैंक खाते की जानकारी क्यों, आधार कार्ड के सत्यापन का क्या औचित्य – अकबर
रायपुर। मोबाइल फोन वितरण के लिए प्रदेश की डाॅ. रमन सरकार द्वारा भरवाए जा रहे फार्म में ली जा रही जानकारी पर कांग्रेस ने गंभीर सवाल उठाते हुए इसके दुरूपयोग की आशंका जताई है। कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री मोहम्मद अकबर ने कहा कि रमन सिंह सरकार संचार क्रांति योजना के तहत 45 लाख परिवारों को मोबाइल फोन का निःशुल्क वितरण करने वाली है। इसके लिए फार्म भरवाए जा रहे हैं। फार्म भरवाना तो ठीक है लेकिन इसमें बैंक खाते और आधार कार्ड के सत्यापन की जानकारी क्यों मांगी जा रही है. कहीं सरकार 45 लाख परिवारों की जासूसी तो नहीं कराने जा रही है ? कहीं इसके जरिए सरकारी मोबाइल फोन का उपयोग करने वालों की जानकारी का दुरूपयोग तक नहीं किया जाएगा ?

पूर्व मंत्री ने कहा कि अगर सरकार मोबाइल फोन सिर्फ मुखिया को देना चाहती है तो पूरे परिवार का विवरण क्यों लिया जा रहा है ?  घरेलू विवरण के नाम पर परिवार के राशन कार्ड, मनरेगा कार्ड, स्वास्थ्य स्मार्ट कार्ड का विवरण भी क्यों मांगा जा रहा है ? उन्होंने कहा कि बैंक खाते की जानकारी भी मांगी जा रही है जिसका मोबाइल फोन वितरण से कोई संबंध नहीं है। बैंक खाते की जानकारी देना जरूरी रखा गया है।  सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना के टिन नंबर की जानकारी मांगी भी जा रही है। इन सब जानकारी का औचित्य  समझ से परे  है।

इतना ही नहीं आधार कार्ड धारक के हस्ताक्षर या अंगूठे का निशान भी मांगा जा रहा है। सरकार प्रत्येक आधार कार्ड धारक के सत्यापन की अनुमति भी मांग रही है। इसका मतलब साफ है कि सत्यापन के नाम पर सरकार हर आधार कार्ड के विवरण तक पहुंच सके और जैसा चाहे उपयोग या दुरूपयोग कर सके।

कांग्रेस नेता के मुताबिक सरकार द्वारा ली जा रही जानकारी किसी षड़यंत्र की ओर इशारा कर रही है। अकबर ने सरकार से पूछा है कि क्या वह सरकारी योजना के जरिये जानकारी लेकर मोबाइल फोन पर भाजपा के पक्ष में चुनाव सामाग्री भेजना चाहती है ? फार्म में आधार कार्ड के सत्यापन की ली जा रही अनुमति कहीं मोबाइल फोन पर मोदी व रमन के भाषण व भाजपा की ओर से भेजे जाने वाले चुनावी संदेश की अनुमति तो नहीं है ? पूर्व मंत्री ने सरकार से यह भी पूछा कि क्या वह हर परिवार को किसी भी सदस्य की जानकारी का दुरूपयोग नहीं होने देने लिखित आश्वासन देगी ? सबसे बड़ा सवाल उठाते हुए मोहम्मद अकबर ने यह भी जानना चाहा कि अगर सरकार के पास से डाटा चोरी हो जाता है तो इसके लिए कौन जवाबदेह होगा ?

अकबर ने रमन सरकार के इस कदम को प्रथम दृष्टया गैर कानूनी बताया। उन्होंने इसे तुरंत रोके जाने की मांग की। उन्होंने फार्म में ली जा रही जानकारी का दुरूपयोग नहीं करने के लिए आश्वस्त किए जाने की मांग सरकार से की। पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री डाॅ. रमन सिंह से यह आश्वासन भी मांगा कि जनता की गाढ़ी कमाई से वितरण किए जाने वाले मोबाइल फोन पर चुनाव के समय भाजपा के चुनाव प्रचार वाली सामगी नहीं बांटी जाएगी।