पंकज सिंह भदौरिया दंतेवाड़ा. अति संवेदनशील नक्सल क्षेत्र में सड़क चौड़ीकरण को लेकर नीलावाया, बुरगुम और पोटाली ग्राम पंचायत के सरपंच सहित हजारों ग्रामीण विरोध में उतर आए. तीनों पंचायतों के सरपंचों का आरोप है कि ठेकेदार ने निर्माण शुरू करते ही 2 दर्जन आदिवासियों की धान की खड़ी फसलों को रौंद दिया है. सड़क का विरोध नहीं है. सड़क विकास के लिए जरूरी है मगर सड़क निर्माण में किसी भी पंचायत के एक भी ग्रामीण को मजदूरी भी इस काम में नहीं मिल रही है. साथ ठेकेदार की बड़ी मशीनों ने आम, सल्फी, ईमली जैसे बेशकीमती पेड़ गिराकर बर्बाद कर दिया है. इसलिए यह सड़क काम बंद किया जाए. आदर्श आचार संहिता के बीच जहां इतनी बड़ी विशालकाय रैली निकल गई, वहां प्रशासन को इसकी सूचना तक नहीं मिल सकी.

दरअसल जिले के संवेदनशील क्षेत्र अरनपुर मुख्य मार्ग में नीलावाया तक पीएमजीएसवाय विभाग द्वारा सड़क बनाने काम किया जा रहा है. जिसे पीएसए कंट्रक्शन कंपनी द्वारा करवाया जा रहा है. सड़क चौड़ीकरण में ग्रामीणों की खड़ी फसलों का नुकसान हुआ है. साथ ही पेड़ भी काट दिए गए हैं. जिसके चलते तीनों पंचायत के लगभग 6000 ग्रामीण हाथों में सड़क के विरोध में लिखे नारों के साथ नीलावाया से अरनपुर मुख्य मार्ग तक रैली निकालकर जबरदस्त विरोध किया.

फसल नुकसान की वजह से विरोध

नीलावाया के सरपंच गोरेलाल ने बताया कि फसल तो बहुत सारे किसानों की नुकसान हुई है, हम सब यहां सड़क का विरोध नहीं कर रहे हैं मगर सड़क चौड़ीकरण का हम विरोध कर रहे हैं. ग्राम पंचायत की बिना अनुमति से रोड का निर्माण किया जा रहा है. नीलावाया पंचायत के 12 से 15 ग्रामीणों की अबतक फसल नुकसान हो चुकी है. फसल नुकसान की वजह से ग्रामीण सड़क का विरोध कर रहे हैं.

ग्रामीण कामता मरकाम ने कहा कि भोले-भाले आदिवासी यहां रहते हैं. ग्रामीण फसल के बदौलत जीते हैं. इमली, महुआ, सल्फी कितनी मेहनत से पेड़ लगाए जाते हैं. आज तक प्रशासन से कोई सूचना नहीं मिली कि यहां पर कोई सड़क बनने वाली है, और सीधे नुकसान करते हुए सड़क का काम शुरू कर दिया गया.