लखनऊ. उत्तर प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत शैक्षणिक सत्र 2022-23 के लिए कुल 1.24 लाख बच्चों ने दाखिला पाया. पिछले साल करीब 99,000 बच्चों ने प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश पाया था. उत्तर प्रदेश में लगभग 40,000 स्कूलों में 4.6 लाख आरटीई सीटों की मैपिंग की गई है.

आरटीई अधिनियम के तहत, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों को मान्यता प्राप्त प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है. यह प्रक्रिया छात्र के प्रवेश स्तर की कक्षाओं की कुल क्षमता के आधार पर होता है. क्लास की 25 प्रतिशत सीटों पर आरटीई के तहत एडमिशन होता है. आरटीई में एडमिशन तीन चरणों में होते है.

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राइटवॉक फाउंडेशन की प्रमुख समीना बानो, जो आरटीई एडमिशन के लिए बुनियादी शिक्षा विभाग के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट में शामिल है. उन्होंने बताया कि 2017 में आरटीई पोर्टल शुरू होने के बाद आवेदनों की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है. आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में 28,000 छात्र-छात्राओं के एडमिशन हुए है.

बानो ने कहा, टेक्नोलॉजी ने निश्चित रूप से पारदर्शिता सुनिश्चित करने और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के अलावा राज्य भर में आरटीई एडमिशन को बढ़ाने में हमारी मदद की है. यह एक लॉटरी प्रक्रिया है, इसमें कोई भी हस्तक्षेप नहीं कर सकता.