हेमंत शर्मा, रायपुर। एम्स में नौकरी लगाने का झांसा देकर बेरोजगारों से लाखों रुपए की ठगी करने का मामला सामने आया है. आरोपियों ने युवकों को वार्ड बॉय और कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगाने का झांसा दिया था. जब नौकरी नहीं लगी तब ठगी होने का एहसास हुआ. युवकों की शिकायत के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. जानकारी के मुताबिक, ठगी करने वाले तीन आरोपी में से दो शासकीय कर्मचारी है. पूरा मामला आमानाका थाना क्षेत्र का है.
पुलिस ने बताया कि तीन आरोपी मेघनाथ चंद्रवंशी, धनेश भारती और मनीष टंडन ने बेरोजगारों से नौकरी लगाने के नाम पर ठगी की है. इसमें से धनेश और मेघनाथ मानव अधिकार आयोग में क्लर्क है. इन तीनों ने राजनांदगांव निवासी युवराज साहू से एम्स में कंप्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगाने के लिए तीन लाख रुपये लिए है. साथ ही दुर्ग के रहने वाले प्रकाश चौहान और भिलाई निवासी डिकान्त से भी एम्स में वार्ड बॉय और कम्प्यूटर ऑपरेटर के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर तीन-तीन लाख रुपए लिए है.
आरोपियों ने बाकायदा ठगी का शिकार हुए लोगों को नियुक्ति पत्र भी दे दिया था. लेकिन जब वो एम्स इस नियुक्ति पत्र को लेकर गए तब उनको इसके फर्जी होने का पता चला.
मामले में आमानाका पुलिस का कहना है कि प्रार्थियों की शिकायत पर आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. अभी इसमें तीन लोग सामने आए. प्राथमिक जांच में पता चला है कि आरोपियों ने कई और लोगों से नौकरी लगाने के नाम पर पैसे लिए है.