रायपुर। झारखंड के धनबाद से मुस्लिम समाज के 11 परिवारों के सामाजिक बहिष्कार की घटना सामने आई है, जिसमें उनका हुक्का-पानी बंद कर दिया गया है. अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने इस मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को पत्र लिख कर कार्रवाई करने और बहिष्कार के खिलाफ कानून बनाने की मांग की है.

डॉ. दिनेश मिश्र ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को पत्र लिखकर बताया कि झारखंड के धनबाद के मिल्लत, कांड्रा, महुदा थाना क्षेत्र के सरफुद्दीन शेख और 10 परिवारों को उनके समाज से बहिष्कृत कर उनका हुक्का-पानी बंद करने का फरमान जारी कर दिया गया है. इसके साथ प्रत्येक परिवार से जुर्माना माँगा जा रहा है. पीड़ित परिवारों ने स्थानीय स्तर पर शिकायत भी की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है.

पत्र में बताया कि हमारा संविधान देश में प्रत्येक नागरिक को समान अधिकार देता है, उसे कोई भी सामाजिक पंचायत/ खाप पंचायत द्वारा बहिष्कृत करने का फरमान नहीं दिया जा सकता, लेकिन आज भी कुछ सामाजिक पंचायतें अपनी मनमानी करने के लिए बहिष्कार जैसे फरमान सुझा रही हैं, जिसके कारण एक निर्दोष व्यक्ति का जीवन कठिनाइयों में पड़ जाता है. सामाजिक बहिष्कार के मामलों को देखते हुए झारखंड प्रदेश में भी सामाजिक बहिष्कार निरोधक कानून बनाने की आवश्यकता महसूस की जा रही है.

डॉ. मिश्र ने बताया कि वर्तमान में देश में सिर्फ महाराष्ट्र में ही सामाजिक बहिष्कार निरोधक कानून बन पाया है, जो सन् 2016 से प्रभावशील है, यदि झारखंड में भी इस संबंध में एक कानून बन जाता है, तो बहिष्कार जैसी कुरीति को खत्म करने में मदद मिलेगी तथा खाप पंचायतों की तरह काम करने वाले सामाजिक संगठनों पर भी नकेल कसी जा सकेगी. पत्र में सामाजिक बहिष्कार के इस मामले पर जांच कर ना केवल कड़ी कार्यवाही करें बल्कि सामाजिक बहिष्कार विरोधी कानून बनाने के लिए पहल कर प्रदेश में इस कुरीति को समाप्त करने के लिए कदम उठाने की बात कही है.