सुशील सलाम, कांकेर । जब शासन प्रशासन ने ग्रामीणों की परेशानी नहीं सुनी तो ग्रामीणों ने खुद ही अपनी परेशानी का समाधान तलाश लिया. कांकेर जिले के अंतिम छोर आदिवासी बहुल  क्षेत्र छोटेबेठिया से अचिनपुर जाने के मार्ग में पड़ने वाली कुटनी नदी है. जहाँ क्षेत्र के ग्रामीणों ने 40 सालो से पुलिया बनाने की मांग करते आ रहे है. मांगे पूरी नहीं होने व नदी में बाढ़ को देखते हुए क्षेत्र के जिला पंचायत सदस्य सुप्रकाश मल्लिक और ग्रामीण मिलकर नदी में 100 मीटर लकड़ी का निर्माण शुरु कर दिया. आधे से ज़्यादा पुल बन चुका है.

कुटनी नदी में ग्रामीण पिछले 24 घंटे से उफनती नदी में लकड़ी का पुल बना रहे है. ग्रामीण का दर्द कितना है यह आप इस तस्वीर से समझ सकते है की भारी बारिश में नदी में बिना अपने जान की परवाह करते हुए पुल बनाने में जुटे हुए है. शासन प्रशासन के बिना किसी मदद के ये ग्रामीण इस पुल का निर्माण पूरा करने की ठान ली है.

वहीँ ग्रामीणों का आरोप है कि विक्रम उसेण्डी इस क्षेत्र में लगातार तीन बार विधायक ,वन मंत्री एवं वर्तमान सांसद होने के बावजूद इस मार्ग में पुल का निर्माण नहीं करा पाए. जिला पंचायत सदस्य व् कांग्रेस नेता सुप्रकाश मल्लिक ने बताया की वे खुद कई बार सांसद विधायक सहित जिला प्रशासन से मांग कर चुके है पर उन्हें भी वही अस्वाशन के सिवा कुछ नहीं मिला.

दरअसल, ग्रामीण इस नदी पर लकड़ी के यह पुल बनाने को इसलिए मजबूर हुए क्योंकि कुटनी मेहड़ा नदी के उसपार करीब 30 गाव के हजारो लोग निवास करते है और उनके पास मुख्यालय तक आने का यह एकमात्र मार्ग है. उसी मार्ग पर है यह नदी जो बारिश में पूरी अपने शबाब पर रहती है. उसे पार करने इन ग्रामीणों के पास कोई भी सुविधा नहीं है. बहरहाल अब जिला पंचायत सदस्य और ग्रामीण अपनी ही मेहनत से बिना किसी के मदद का यह पुल बनाने जूट गए है.