पुरुषोत्तम पात्र,गरियाबंद(देवभोग). 70 हजार देकर वापस लौटे बेटे ने पिता समेत 13 परिजनों को ठेकेदार के चंगुल से मुक्ति दिलाने गुहार लगाया है. देवानन्द ने कहा 8 के बजाए 12 घण्टे काम ले रहा ठेकेदार. विरोध करने पर मारपीट करता है बोल रहा है वापस जाना है तो प्रति व्यक्ति 60 हजार जमा करो. देवभोग एसडीएम निर्भय साहू के दफ्तर पहुंचकर बड़ीगांव में रहने वाला देवानंद नागेश लिखित आवेदन सौंप कर पिता धनसिंह समेत 13 अन्य परिजन जिसमें 3 मासूम बच्चे भी शामिल है. इन्हें छुड़ाने की मांग किया है.
धनसिंग ने बताया है कि दिसम्बर माह में इनके साथ देवानंद अपने पत्नी ललिता के साथ तेलंगाना के करीमनगर जिले के हाडिबेटला इलाके में काम करने गया था. ठेकेदार की प्रताड़ना की खबर जब देवानंद के ससुराल को पता चला तो, ससुराल वाले इकलौती बेटी ललिता व देवानंद को छुड़ा लाए. इसके लिए उन्हें 70 हजार रुपए ईट भट्ठी के ठेकेदार व्ही मालाधारी को देना पड़ा था. उसने बताया कि ठेकेदार का प्रताड़ना बढ़ गया है. पिता व अन्य रिश्तेदार फोन से जानकारी देकर हर हाल में छुड़ाने की बात कही थी. इसकी जानकारी ठेकेदार को लगने के बाद अब वह सभी के मोबाइल को भी जप्त कर लिया है.
एसडीएम निर्भय साहू ने बताया कि बाडीगांव के अलावा भरूवामुडा के 12 लोग के तेलंगाना में होने की शिकायत के बाद सम्बंधित जनपद सीईओ को सम्बंधित पँचायत जाकर इसकी पुष्टि करने भेजा गया है. पीड़ित परिवार से नाम पता कि जानकारी ली जा रही है. बंधक होने की सूचना सही पाया गया तो जिलास्तरीय टीम तेलांगाना भेजा जाएगा.
आवास के लालच में परिवार छूटा-बंधक 13 लोगों में भरूवामुडा निवासी भुवन की पत्नी ख़िरमती 17 साल का बेटा डोबेल किशोर, व 11 साल का बेटा चंदन भी ठेकेदार के कब्जे में है. 12 फरवरी को मोबाइल में अंतिम बार बात हुई थी, पत्नी ने रो रो कर बताया था कि ठेकेदार ने उसके छोटे बेटे की पिटाई कर दिया. साथ में गए चाचा नाथूराम ने इसका विरोध किया तो उसके गर्दन पकड़ कर पिटाई कर दिया. उस दिन से मोबाइल भी छीन लिया गया. जिसके बाद भुवन का रो रो कर बुरा हाल है. भुवन को फरवरी में पीएम आवास मिलने की आस बंधाई गई थी. इसलिए वह दिसम्बर में काम करने परिवार वालों के साथ नहीं गया. अभी तक उसके आवास का भी पता नहीं इधर परिवार का भी साथ छूट गया है.
आवेदन में बताया गया है कि नूवापडा जिले के ढोलमादल में रहने वाला पदमन उनके गांव आया था. उसने एक हजार इट रचाई का 450 रूपये देने का सौदा किया. उसके साथ सभी मजदूर काँटाबांजी रेलवेस्टेशन स्टेशन तक गए, जंहा झरनी का सुल्तान खान मिला जो मुख्य लेबर सरगना है. इसने तेलंगाना के सिकंदराबाद के लिये टिकट कटवाया, यंहा से करीमनगर जिले के लिये भेज दिया गया. ठेकेदार 8 घण्टे के बजाए 12 घण्टे काम के रहा है. 450 के बजाय 300 रुपए दे रहा है.
पीड़ित परिवार के मुताबिक एडवांस में दिये गए रूपेय के बराबर वे काम कर चुके है, लेकिन ठेकेदार किसी को आने नहीं दे रहा है, न ही अतरिक्त पैसे दे रहा है. उल्टे वापस जाने के एवज में प्रति परिवार 70 हजार रुपये की भरपाई करने कहा जा रहा है.