Opposition On 130th Constitutional Amendment Bill 2025: मोदी सरकार (Modi Government) आज PM-CM की गिरफ्तारी और पद से हटाने समेत तीन विवादस्पद विधेयक लोकसभा में पेश करेगी। वहीं बिल पेश करने से पहले ही विपक्ष इसका कड़ा विरोध कर रही है। खासकर 130वां संविधान संशोधन बिल, जिसके तहत प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान है। इसका विपक्ष जमकर विरोध कर रही है। सत्र शुरू होने से पहले विपक्ष ने चेतावनी दी, “हम इसे पेश भी नहीं होने देंगे। हम टेबल को तोड़ देंगे और विधेयक को फाड़ देंगे।
विपक्षी सांसदों ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करने की बात कही। साथ ही धमकी दी कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे लोकसभा में पेश करेंगे तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
बता दें कि सरकार गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025 और 130वां संविधान संशोधन बिल 2025 पेश करेगी। इसके तहत भीर आपराधिक आरोपों के सिलसिले में लगातार 30 दिनों तक जेल में रहने पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय मंत्री, मुख्यमंत्री या राज्य या केंद्र शासित प्रदेश के मंत्री को पद से हटाने का प्रावधान है।
विपक्ष ने इस बिल पर तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसका बिल का कड़ा विरोध करने की धमकी दी है। आज तक से बात करते हुए एक विपक्षी सांसद ने इस विधेयक का कड़ा विरोध करने की बात कही और धमकी दी कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे लोकसभा में पेश करेंगे तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन करेंगेष सांसद ने बुधवार का सत्र शुरू होने से पहले ये चेतावनी दी, “हम इसे पेश भी नहीं होने देंगे. हम टेबल को तोड़ देंगे और विधेयक को फाड़ देंगे।
इन प्रस्तावित तीन बिलों को1-केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक 2025, 2- संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक 2025, और 3- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 गृह मंत्री अमित शाह लोकसभा में पेश करेंगे. अमित शाह इन विधेयकों को संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को भेजने का प्रस्ताव भी पेश करेंगे।
हालांकि विपक्ष ने प्रस्तावित कानून पर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा है कि केंद्र सरकार गैर-भाजपा सरकारों को अस्थिर करने के लिए कानून लाना चाहती है। इसके तहत वह ‘पक्षपाती’ केंद्रीय एजेंसियों द्वारा उनके मुख्यमंत्रियों को गिरफ्तार करवाएगी और उनकी ‘मनमाने ढंग से’ गिरफ्तारी के तुरंत बाद उन्हें पद से हटा देगी।
विवादास्पद विधेयक में क्या है?
गवर्नमेंट ऑफ यूनियन टेरिटरीज (संशोधन) बिल 2025- केंद्र शासित प्रदेश (संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों और कारणों के विवरण के अनुसार, केंद्र शासित प्रदेश अधिनियम, 1963 (1963 का 20 ) में ऐसा कोई प्रावधान नहीं है, जिसके तहत मुख्यमंत्री या मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में हटाया जा सके। लिहाजा इस कानून की धारा 45 में संशोधन कर ऐसी स्थिति के लिए कानूनी प्रावधान करना जरूरी है। ये विधेयक उपरोक्त उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयास करता है।
130वां संविधान संशोधन बिल 2025- संविधान (एक सौ तीसवां संशोधन) विधेयक, 2025 के उद्देश्यों में कहा गया है कि संविधान में भी ऐसा कोई प्रावधान नहीं है कि किसी मंत्री को गंभीर आपराधिक आरोपों में गिरफ्तारी और हिरासत की स्थिति में हटाया जा सके। इसलिए संविधान के अनुच्छेद 75, 164 और 239AA में संशोधन कर प्रधानमंत्री या केंद्रीय मंत्री और राज्यों व दिल्ली के मुख्यमंत्री या मंत्री को हटाने का प्रावधान करने की ज़रूरत है। वहीं, नए प्रावधानों के तहत यदि कोई मंत्री, जिसमें प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री या राज्यों को मंत्री शामिल हैं को पांच साल या उससे अधिक की अवधि की सजा वाले अपराध के लिए लगातार 30 दिनों तक हिरासत में रखा जाता है तो उसे पद से हटाया जा सकता है।
130वें संविधान संशोधन के कुछ प्रमुख पहलू :
1. अनुच्छेद 75 (केंद्र सरकार-प्रधानमंत्री और मंत्रीमंडल): संविधान के अनुच्छेद 75 में उपबंध (5) के बाद ये उपबंध जोड़ा जाएगा.
- (5A): यदि कोई मंत्री लगातार 30 दिन तक गंभीर अपराध (5 वर्ष या उससे अधिक की सजा वाले अपराध) के आरोप में जेल में है, तो राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर उसे पद से हटा दिया जाएगा. यदि प्रधानमंत्री सलाह नहीं देते तो 31वें दिन के बाद वह मंत्री अपने आप पद से हटा हुआ माना जाएगा.
- अगर प्रधानमंत्री खुद 30 दिन तक ऐसे आरोप में जेल में हैं, तो उन्हें 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा. अगर यदि इस्तीफा नहीं दिया, तो उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा.
- यह भी प्रावधान है कि इस उपबंध में कुछ भी ऐसा नहीं है, जो प्रधानमंत्री या मंत्री को हिरासत से रिहा होने के बाद, राष्ट्रपति द्वारा पुनः प्रधानमंत्री या मंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने से रोक सके.
2. अनुच्छेद 164 (राज्य सरकार-मुख्यमंत्री और मंत्रीमंडल): संविधान के अनुच्छेद 164 में उपबंध (4) के बाद निम्नलिखित उपबंध जोड़ा जाएगा.
- (4A): यदि कोई राज्य मंत्री 30 दिन तक जेल में है, तो राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर उसे पद से हटा दिया जाएगा. यदि सलाह नहीं दी जाती, तो 31वें दिन से मंत्री का पद अपने आप समाप्त हो जाएगा.
- यदि मुख्यमंत्री स्वयं 30 दिन तक जेल में रहते हैं, तो उन्हें 31वें दिन तक इस्तीफा देना होगा, अन्यथा उनका पद स्वतः समाप्त हो जाएगा.
- यह भी प्रावधान है कि इस उपबंध में कुछ भी ऐसा नहीं है जो मुख्यमंत्री या मंत्री को, हिरासत से रिहा होने के बाद, राज्यपाल द्वारा पुनः मुख्यमंत्री या मंत्री के रूप में नियुक्त किए जाने से रोक सके.
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