अनिल सक्सेना, रायसेन। औबेदुल्लागंज दंगा मामले (obaidullaganj riot case) में रायसेन जिला कोर्ट (Raisen District Court ) ने 14 आरोपियों के खिलाफ आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश शरद भास्कर की कोर्ट ने 12 साल बाद औबेदुल्लागंज में हुए दंगे में युवक रुपेश राजपूत की हत्या के मामले में दोषी करार देते हुये आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं दूसरे पक्ष के 6 लोगों को बरी कर दिया। बता दें कि मामले में पहले भी एक पक्ष के 17 लोगों को सजा सुनाई गई थी।
दरअसल साल 2010 में रायसेन जिले के औबेदुल्लागंज में दंगा भड़क गया था। दंगे में युवक रूपेश राजपूत की हत्या की हत्या कर दी गई थी। मामला 12 साल से कोर्ट में चल रहा था। मामले में अदालत ने एक पक्ष के 17 में से 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।मामले में अदालत ने एक पक्ष के 17 में से 14 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। वहीं दो लोगों को बाल न्यायालय में पेश किया है तो एक आरोपी कि पहले ही मौत हो चुकी है।दूसरे पक्ष के छह आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया गया है।
आपको बता दें कि सन 2010 में अब्दुल्लागंज में दंगा हुआ था इस दंगे में रुपेश राजपूत की कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी। अदालत ने गवाहों और सबूतों को सही मानते हुए सभी 14 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सरकारी बकील लखन ठाकुर ने सजा दिलाने के लिये पैरवी की। वहीं बरी हुये लोगों की पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता विजय धाकड़ सुनील धाकड़ ने की थी।
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