केरल. केरल के त्रिचूर के निहाल सरीन ने जब शतरंज तब खेलना शुरू किया था तब वह सिर्फ छह साल के थे. उनके दादा ने उन्हें शतरंज का ककहरा सिखाया था और एक साल बाद निहाल ने शतरंज में महारत हासिल कर अपने शहर में अंडर-25 टूर्नामेंट जीत लिया था. लेकिन उसके एक साल बाद ही वह भारत के 53वें ग्रैंडमास्टर बन गए. निहाल यह उपलब्धि हासिल करने वाले जीएन गोपाल और एसएल नारायणन के बाद केरल के तीसरे खिलाड़ी हैं.
युवा अंतरराष्ट्रीय मास्टर निहाल सरीन बुधवार को अबु धाबी मास्टर्स के नौवें और अंतिम दौर का मुकाबला हारने के बावजूद ये बड़ी उपलब्धि अपने नाम करने में सफल रहे. केरल के 14 साल के इस खिलाड़ी ने संभावित नौ अंक में से 5.5 अंक जुटाए. उन्होंने अंतिम दौर से पहले ही ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल कर लिया था.
अब 14 वर्षीय निहाल के नाम के साथ कई बड़ी उपल्ब्धियां जुड़ चुकी हैं. निहाल भारत के दूसरे सबसे यंग इंटरनेशनल मास्टर (आईएम), दुनिया के तीसरे सबसे कम उम्र वाले इंटरनेशनल मास्टर, दुनिया के सर्वश्रेष्ठ अंडर-14 खिलाड़ी और दुनिया के दूसरे सर्वश्रेष्ठ अंडर-18 खिलाड़ी हैं.
टूर्नामेंट में 88 सदस्यीय भारतीय टीम के लिए अच्छी बात यह रही कि चार खिलाड़ी ग्रैंडमास्टर और तीन अंतरराष्ट्रीय मास्टर नार्म हासिल करने में कामयाब रहे. सरीन के अलावा इरिगासि अर्जुन, हर्ष भर्थकोटी और पी इनियान ने अंतिम दिन ग्रैंडमास्टर नार्म हासिल कर इसे यादगार बनाया, जबकि ए आई मुथैया, वीएस राथनवेल और संकल्प गुप्ता अंतरराष्ट्रीय मास्टर नॉर्म पूरा करने में कामयाब रहे.