अंमृतांशी जोशी,भोपाल। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) आज 7 अगस्त 2022 को देश का नया रॉकेट लॉन्च किया है. जिसका नाम स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) है. देश की सबसे छोटे सैटेलाइट रॉकेट एसएलवी की प्रोग्रामिंग में मप्र की राजधानी भोपाल की 15 छात्राओं का बड़ा योगदान है. इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया है.
श्रीहरिकोटा से उड़ान भरने वाले सैटेलाइट के इंस्ट्रूमेंट की प्रोग्रामिंग में भोपाल की छात्राएं भी शामिल थी. यह स्टूडेंट्स इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी और रोबोटिक टेक्नोलॉजी में माहिर हैं. जिसे अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित किया जाएगा. जिससे जमीन की मैपिंग की जा सकेगी.
इस प्रोजेक्ट में भोपाल की शायस्ता, नैंसी, निहारिका और प्रियंका समेत 15 छात्राएं हिस्सा रही हैं. जो किं एमएलबी गर्ल्स हायर सेकंडरी स्कूल की पढ़ने वाली हैं. सभी छात्राएं पेट्रोल पंप कर्मचारी, मजदूर, ड्राइवर, मैकेनिक जैसे साधारण परिवारों से ताल्लुक़ रखती हैं. प्रदेश की और भी कई छात्राओं ने रॉकेट की प्रोग्रामिंग में सहयोग दिया है.
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने रॉकेट लॉन्चिंग पर बधाई देते हुए ट्वीट किया है. उन्होंने लिखा है कि @isro द्वारा पहला #SSLVD1 लांच करके एक बार फिर इतिहास रचा गया. प्रधानमंत्री @narendramodi के दूरदर्शी नेतृत्व में देश के वैज्ञानिक नित नये आयाम स्थापित कर रहे हैं. सभी को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं. आजादी के अमृत महोत्सव में देश के 75 स्कूलों से 750 छात्राओं द्वारा बनाई गई #AzaadiSAT सेटेलाइट भी आज लांच की गई. इसमें भोपाल की 15 बेटियों का भी अहम योगदान है. मैं सभी बेटियों को बधाई देता हूं. नारी सशक्तिकरण का यह एक जीता जागता उदाहरण है.
नए रॉकेट की लॉन्चिंग आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड एक से सफलतापूर्वक की गई है. स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Small Satellite Launch Vehicle – SSLV) में EOS02 और AzaadiSAT सैटेलाइट्स भेजे गए हैं. जिसकी लॉन्चिंग सफल रही है. रॉकेट ने सही तरीके से काम करते हुए दोनों सैटेलाइट्स को उनकी निर्धारित कक्षा में पहुंचा दिया. रॉकेट अलग हो गया. लेकिन उसके बाद सैटेलाइट्स से डेटा मिलना बंद हो गया.
ISRO प्रमुख एस. सोमनाथ ने कहा कि इसरो मिशन कंट्रोल सेंटर लगातार डेटा लिंक हासिल करने का प्रयास कर रहा है. हम जैसे ही लिंक स्थापित कर लेंगे, देश को सूचित करेंगे. EOS02 एक अर्थ ऑब्जरवेशन सैटेलाइट हैं. जो 10 महीने के लिए अंतरिक्ष में काम करेगा. इसका वजन 142 किलोग्राम है. इसमें मिड और लॉन्ग वेवलेंथ इंफ्रारेड कैमरा लगा है. जिसका रेजोल्यूशन 6 मीटर है. यानी ये रात में भी निगरानी कर सकता है. AzaadiSAT सैटेलाइट्स स्पेसकिड्ज इंडिया नाम की देसी निजी स्पेस एजेंसी का स्टूडेंट सैटेलाइट है. इसे देश की 750 लड़कियों ने मिलकर बनाया था.
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