हेमंत शर्मा, रायपुर. प्रदेश में आये दिन बच्चियां छेड़छाड़, बलात्कार और हत्या का शिकार हो रही है, बावजूद इसके अब तक प्रशासन की ओर से इसे रोकने के कोई बड़े प्रयास नहीं किये गये है. आलम यह है कि यदि रात के वक्त कोई बच्ची लावारिस हालत में घूमते मिल जाये तो, उसे भी प्रशासन द्वारा सुरक्षित जगह मुहैया नहीं कराई जाती है. ऐसे में उस बच्ची के साथ रात में कोई भी अप्रिय घटना घटित हो जाये तो उसका जवाबदार कौन होगा. घटना के बाद प्रशासन के पास सिर्फ रटा रटाया जवाब देने के अलावा कुछ नहीं बचता है.
ऐसी ही स्थिति बीती रात भी देखने को मिली, जब जीआरपी को एक 15 साल की बच्ची रेल्वे स्टेशन पर घूमते हुए मिली. इस बच्ची को लेकर चाइल्ड लाइन और जीआरपी का जवान रात में ही प्रतिज्ञा विकास संस्थान पहुंचे. जहां उन्होंने काफी देर तक संस्थान का दरवाजा खुलवाने की कोशिश की. लेकिन संस्थान का दरवाजा नहीं खुला. जिसके बाद जीआरपी बच्ची को लेकर रात भर भटकती रही.
जीआरपी के अधिकारी ने बताया कि बीती रात 10 बजे के आस पास उन्हें बच्ची स्टेशन पर अकेली घूमती मिली थी. पूछताछ के बाद पता चला कि बच्ची रायगढ़ की रहने वाली है.और अपने साथियों के रायपुर आई थी लेकिन यहां वह अपने साथियों से बिछड़ गई. जानकारी लेने के बाद जवान बच्ची को लेकर प्रतिज्ञा संस्था पहुंचे थे लेकिन संस्था का दरवाजा नहीं खोला गया. बाद में आज सुबह बच्ची को संस्था भेजा गया है साथ ही बच्ची के परिजनों को भी इस बात की जानकारी दे दी गई है. जिसके बाद वे बच्ची को लेने आ रहे है.
इस घटना ने एक बार फिर महिला एवं बाल विकास विभाग के बच्चियों को सुरक्षा मुहैया करने के दावो की पोल खोलकर रख दी है. बच्चियों के सुरक्षा मुहैया कराने का दावा करने वाला विभाग ही पूरी रात नींद में सोया रहा. जिसके चलते एक बच्ची को रात भर इधर से उधर भटकना पड़ा.
राहत की बात यह रही कि बच्ची किसी अप्रिय घटना का शिकार नही हुई.और समय रहते जीआरपी की नजर उस पर पड़ गई.