नई दिल्ली. दिल्ली परिवहन निगम (DTC) के बेड़े में 1540 इलेक्ट्रिक बस और शामिल होंगी. दो से तीन महीने में यह सभी बस डीटीसी को मिल जाएंगी. इन्हें अलग-अलग डिपो में भेजा जाएगा. इन बसों के मिलने से डीटीसी के बेड़े में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या 2800 से ज्यादा हो जाएगी.

डीटीसी के बेड़े में फिलहाल 1300 इलेक्ट्रिक बस हैं. इन बसों का संचालन शुरू होने से यात्रियों के लिए सफर न केवल सहूलियत भरा हुआ है, बल्कि बसों से उत्सर्जित होने वाले कार्बन में भी कमी आई है.

डीटीसी के मुख्य महाप्रबंधक अनुज सिन्हा ने बताया कि दो से ढाई महीने में डीटीसी को 12 मीटर लंबाई वाली करीब 500 बड़ी बसें मिल जाएंगी. इनकी आपूर्ति जून में शुरू हो जाएगी. 9 मीटर लंबी इलेक्ट्रिक बसों की आपूर्ति भी जल्द मिलनी शुरू हो जाएगी. तीन महीने में 1040 बस मिलने की उम्मीद है.

उन्होंने बताया कि छोटी बसों में 20 यात्रियों के बैठने की क्षमता होगी. बसों की आपूर्ति जैसे-जैसे मिलती रहेगी, उन्हें वैसे ही अलग-अलग डिपो में भेजकर रूटों पर यात्रियों के लिए उतार दिया जाएगा. दोनों तरह की बसों की आपूर्ति के लिए संबंधित कंपनी के अधिकारियों से बातचीत हो चुकी है.

चार्जिंग के लिए संसाधन बढ़ाए जा रहे

डीटीसी अधिकारियों ने बताया कि जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक बसों की संख्या बेड़े में बढ़ रही है, उन्हें चार्ज करने के लिए डिपो में संसाधन भी बढ़ाए जा रहे हैं. जिन डिपो में पहले से चार्जिंग स्टेशन बन चुके हैं, बसों के अनुपात में उनकी संख्या बढ़ाई जाएगी और जिनमें जल्द ही बसें मिलने वाली हैं.

सीएनजी बसें चरणबद्ध तरीके से हटेंगी

डीटीसी की योजना है कि चरणबद्ध तरीके से सभी सीएनजी बसों को सड़कों से हटा दिया जाएगा. इसी वजह से बीते 8-10 साल से DTC ने कोई नई बस नहीं खरीदी है. अब जिन CNG बसों की मियाद पूरी हो रही है, उन्हें परिचालन से बाहर किया जा रहा है. धीरे-धीरे इन्हें इलेक्ट्रिक बसों से बदल दिया जाएगा. अधिकारियों का कहना है कि 2025 के अंत तक दिल्ली में सभी बसें इलेक्ट्रिक हो जाएंगी.