चंडीगढ़। पंजाब के रूपनगर में रविवार रात एक मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए. इसकी वजह से पठानकोट-अमृतसर रेल मार्ग की 8 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. सोमवार शाम तक ट्रैक क्लीयर होने की संभावना है. जानकारी के मुताबिक, रूपनगर में गुरुद्वारा पाठा साहिब के पास रविवार रात करीब 12:35 बजे रेलवे ट्रैक पर रात के अंधेरे में आवारा मवेशियों का झुंड आ गया. ऐसे में मवेशियों को बचाने के लिए ड्राइवर ने इमरजेंसी ब्रेक लगाया, जिससे अनियंत्रित होकर मालगाड़ी के 16 डिब्बे पटरी से उतर गए. हालांकि इस दौरान मालगाड़ी के सभी डिब्बे खाली थे, जिसकी वजह से कोई बड़ा हादसा होने से बच गया.
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कुछ एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द
डीआरएम अंबाला, गुरिंदर मोहन सिंह के अनुसार, इस हादसे के कारण कुछ एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गई हैं. उन्होंने बताया कि मालगाड़ी रात करीब 12:30 बजे रोपड़ थर्मल प्लांट में कोयला उतारने के बाद अंबाला की तरफ रवाना हुई, जिसके बाद गुरुद्वारा भट्ठा साहिब के पास रेलवे लाइन पर सांडों के झुंड के आने से मालगाड़ी पलट गई. इसके कारण ट्रैक पर लगे बिजली के तारों और पानी के खंभों को नुकसान हुआ है. इसके अलावा घटना में कोई नुकसान नहीं हुआ है. 8 एक्सप्रेस और पैसेंजर ट्रेनें रद्द की गई हैं. गौरतलब है कि पंजाब में इस तरह के हादसे पिछले कुछ दिनों में ज्यादा ही देखने को मिल रहे हैं. फिलहाल रेलवे ने ट्रैक की मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है और अवरुद्ध मार्ग को फिर से खोलने के लिए मौके पर बचाव दल मशीनों के जरिए ट्रैक को खाली कर रहा है. रेलवे ने आज सोमवार शाम तक ट्रैक क्लीयर करने की बात कही है.
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पिछले एक साल में आवारा मवेशियों के 26,000 से अधिक मामलों से ट्रेन संचालन प्रभावित
पिछले एक साल में आवारा मवेशियों के 26,000 से अधिक मामलों से ट्रेन संचालन प्रभावित हुआ. भारतीय रेलवे द्वारा तैयार किए गए नवीनतम आंतरिक आंकड़ों के अनुसार, आवारा मवेशियों की बढ़ती संख्या के फलस्वरूप अधिक संख्या में गाय, भैंस और बैल रेल की पटरियों पर भटकते हुए और तेज गति वाली ट्रेनों के नीचे आ रहे हैं. 19 फरवरी 2022 तक 2021-22 के दौरान रेल पटरियों पर कुल 26,142 मवेशी रन-ओवर (CRO) मामले थे, जबकि इसी अवधि के लिए मानव रन-ओवर (HRO) के 10,919 मामले थे. उत्तरी क्षेत्र और उत्तर मध्य क्षेत्र जिसमें ज्यादातर उत्तर भारत शामिल हैं, इस इलाके में साल 2021-22 में क्रमश: 6,816 और 6,130 सीआरओ मामलों के साथ अधिकतम ऐसी घटनाओं की सूचना सामने आई है, जबकि रेलवे ने 2020-21 की अवधि में कुल 19,949 सीआरओ मामले और 7,185 एचआरओ मामले देखे. चलती ट्रेन के नीचे आने वाले मवेशियों की संख्या 2014-15 में लगभग 2,000-3,000 से बढ़कर 2017-18 में 14,000 से अधिक हो गई है. 2019-20 में कुल 27,046 ऐसी घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई.
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