पुरूषोत्तम पात्र, गरियाबंद। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भावनात्मक जुड़ाव वाले छत्तीसगढ़िया ओलंपिक का जोन और ब्लॉक स्तर पर आयोजन संपन्न हो गया है. अब आने वाले 29 अगस्त को इसका जिला स्तरीय एक दिवसीय आयोजन संपन्न होने जा रहा है. एक दिन के भीतर 16 विधाओं के खेल और पुरुस्कार वितरण 10 घंटे के भीतर यानी शाम 7 बजे तक हर हाल में संपन्न कराया जाना है, लेकिन आयोजन से पहले ही टाइमिंग को लेकर खिलाड़ियों ने सवाल उठाना शुरू कर दिया है.

कहा जा रहा है कि 5 विकासखंड और एक नगरीय निकाय मिलाकर कर 1500 से ज्यादा खिलाड़ी जिला स्तर के लिए चयन हुए हैं. जोन व ब्लॉक स्तर में जब दो दो दिन का समय दिया गया, फिर जिले में खिलाड़ियों की संख्या के अनुपात ज्यादा है. अगर दो दिन का समय नहीं मिला तो पिछले साल की तरह कई खिलाड़ी अपनी प्रतिभा दिखाने मैदान नहीं मिल पाएगा.

हालांकि इस आयोजन की नोडल अधिकारी पद्मिनी हरदेल ने अपनी तैयारी को पुख्ता बताया है. उन्होंने कहा कि दो मैदान में अनुभवी शिक्षक खेल को सफलता पूर्वक एक दिन में संपन्न करा लेंगे. पिछले साल भी ऐसा ही किया गया था.

वंचित रह गए थे खिलाड़ी प्रतियोगिता में

अनुभव के आधार पर जिला पंचायत प्रशासन खेल को सफलता पूर्वक संपन्न कराने का दावा किया तो पिछले बार के खिलाड़ियों ने भी अपनी कड़वी अनुभव हमसे शेयर किया है. देवभोग ब्लॉक के गिरशुल के खिलाड़ी धर्मेंद्र सेन इस बार गेड़ी दौड़, लंगड़ी व खो खो में भाग लिया है.

धर्मेंद्र ने बताया की पिछले बार दो खेल में चयन हुए थे. खो खो खेलते समय ही दौड़ का भी टाइमिंग एनाउंस हुआ. केवल एक में ही खेल पाया. मुझे लगता नहीं की इस बार मैं अपने तीनों खेल खेल पाऊंगा.

मैनपुर विकास खंड में उरमाल की महिला खिलाड़ी मनीषा कश्यप, हरदी भांठा की अंजली निर्मलकर, भाटीगढ़ की निर्मला नेगी भी पिछले साल की तरह इस बार भी दो से ज्यादा खेल में जिले के लिए चयन हुई है. इन तीनों भी चयनित सभी खेल से पिछले साल इसलिए वंचित हुई, क्योंकि किसी का नाम पुकारा नहीं गया तो, किसी का एक समय में दो खेल चल रहा था.

अधिकतम तीन विधाओं में एक खिलाड़ी भाग ले सकता है. जिले भर में ऐसे 100 से भी ज्यादा प्रतिभावान हैं, जो कड़ी मेहनत कर जिला स्तर पर चयन तो होते हैं, लेकिन वे अव्यवस्था के शिकार हो जाते हैं. खिलाड़ियों ने मिडिया के माध्यम से जिले के सवेदनशिल कलेक्टर से प्रतियोगिता की अवधी एक दिन बढ़ाने की मांग की है.

फीचर और मैदान की तैयारी 28 से, 55 शिक्षक की ड्यूटी

जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जारी आदेश के मुताबिक 550पीटी व अनुभवी शिक्षक की जंबो टीम खेल को सम्पन्न कराएंगे. जिले भर के 5 ब्लॉक से शिक्षकों का चयन किया गया है, लेकिन गरियाबंद ब्लॉक के शिक्षक 28 से ही मोर्चा संभालेंगे. आयोजन के लिए गांधी मैदान के अलावा क्रीड़ा परिसर का चयन किया गया है. दुरुस्त ब्लॉक के पुरुष महिला खिलाड़ी को ठहरने की अलग व्यवस्था है. एक दिन पहले यानी 28 को दुरस्त ब्लॉक के खिलाड़ी पहुचेंगे.

पिछले साल हुई इन चूक ने बढ़ाई थी परेशानी

पिछले साल के आयोजन को भले ही सफल होने का दावा किया गया है, लेकिन चर्चा में कुछ बाते हैं, जिसे इस बार ध्यान दिया गया तो आयोजन सफल हो सकता है. समय अभाव के देखते हुए खेल निरंतर जारी रहता है, जिससे खिलाड़ियों का भोजन प्रभावित हुआ था. एक से ज्यादा खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ी का दो खेल एक साथ हुआ. बगैर खेले प्रतिद्वंदी को विजेता घोषित किया गया. जल्दबाजी में खेल निपटाने के चक्कर में कई प्रतिभागियों का नाम तक नहीं पुकारा गया.

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