सुरेश परतागिरी, बीजापुर. तेलंगाना में बंधक बनाए गए 18 मजदूरों को बीजापुर जिला प्रशासन ने दलालों के चंगुल से छोड़ाकर सकुशल घर पहुंचाया। बता दें कि ज्यादा मजदूरी और अच्छे काम का लालच देकर बीजापुर जिले के दो ग्राम पंचायतों कड़ेनार से 11 और घुमरा से 7 कुल 18 ग्रामीणों को दलाल सीनू श्रीनिवास अगस्त माह में तेलंगाना राज्य ले गया था. ग्रामीणों को वह मजदूरी दिलाने के बहाने लेकर गया, लेकिन बाद में सभी मजदूरों को बंधक बनाकर उनके साथ धोखाधड़ी की गई। इसकी जानकारी मिलते ही जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी मजदूरों को सशकुल घर लाया।
श्रमिक मनोज ताती ने बताया कि पहले इन मजदूरों को तेलंगाना के करीमनगर में काम कराया गया, फिर दलाल ने महाराष्ट्र के नांदेड़ भेज दिया। इसके बाद वही दलाल सीनू श्रीनिवास ने सभी मजदूरों को कर्नाटक राज्य के जिला बागलकोट अंतर्गत बिगड़ी गांव जानमट्टी में एक साहूकार के यहां 5 लाख में काम पर लगा दिया, लेकिन मजदूरों को मेहनताना नहीं दिया गया और दलाल फरार हो गया। मजदूर छत्तीसगढ़ लौटना चाहते थे, पर साहूकार उन्हें छोड़ नहीं रहा था।


मामले की जानकारी मिलते ही बीजापुर कलेक्टर एवं पुलिस अधीक्षक ने त्वरित संज्ञान लेते हुए एक संयुक्त रेस्क्यू टीम गठित की। इस टीम में श्रम निरीक्षक लोकेंद्र वैष्णव, राजस्व निरीक्षक यशवंत राव और सहायक उप पुलिस निरीक्षक बलदेव कुड़ियाम शामिल थे, जिन्हें तत्काल जिला बागलकोट, कर्नाटक रवाना किया गया। स्थानीय प्रशासन की मदद से टीम ने सभी 18 श्रमिकों को सकुशल छुड़ाया और 1,36,100 रुपए की बकाया मजदूरी राशि भी दिलवाई। रेस्क्यू टीम ने 28 अक्टूबर 2025 को सभी मजदूरों को बीजापुर वापस लाया और 29 अक्टूबर को उनके गृहग्राम कड़ेनार व घुमरा में सुरक्षित पहुंचाया। इस सफल अभियान के लिए जिला प्रशासन, पुलिस विभाग और श्रम विभाग ने सक्रिय भूमिका निभाई।
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