संजय विश्वकर्मा, उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बारहसिंगा की पुनर्स्थापना के पहले चरण में रविवार को यहां 19 बारहसिंगा लाए गए। जिसमे 11 नर और 8 मादा शामिल है। बांधवगढ़ के मगधी परिक्षेत्र में 50 हेक्टेयर में बने सोलर फेंसिंग युक्त बाड़े में इन्हें छोड़ा गया। वहीं अब बांधवगढ़ में पर्यटक भी बारहसिंगा का दीदार कर सकेंगे।  

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रविवार की सुबह कान्हा राष्ट्रीय उद्यान से  एसडीओ धमोखर सुधीर मिश्रा के नेतृत्व में  19 बारहसिंगों को बोमा कैप्चरिंग तकनीकी से पकड़ कर विशेष वाहन से बांधवगढ़ टाईगर रिज़र्व लाया गया है। बता दें कि प्रोजेक्ट बारहसिंगा के तहत प्रदेश के उन उन क्षेत्रों में बारहसिंगा को पुनः बसाए जाने की योजना है जहां-जहां उनके पूर्व में रहवास के साक्ष्य मिले है।

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बता दें कि केंद सरकार से 100 बारहसिंगों को बांधवगढ़ में लाए जाने की अनुमति ली गई है। इस वर्ष 50 और अगले 2 वर्षों में 25-25 की संख्या में बारहसिंघा लाए जाने का प्लान हैं। अगले 3 वर्षों तक इन्हें मगधी कोर ज़ोन में बने बाड़े में रखा जाएगा।  

बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में अब तक बारहसिंगा नहीं थे। कान्हा टाइगर रिजर्व से इन्हें यहां लाकर बांधवगढ़ में पुनर्स्थापित किया जा रहा है। यह मप्र वन विभाग की महत्वाकांक्षी योजना है। बारहसिंगों की पुनर्स्थापना के लिए NTCA से सभी अनुमतियां पहले ही ली जा चुकी हैं। 16 मार्च 2023 को शिवराज सरकार की तरफ से भी कान्हा से 50 बारहसिंगा बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व ले जाने की अनुमति मिल गई थी।

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