1993 Mumbai Bomb Blast Case: 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों का आरोपी गैंगस्टर अबू सलेम (Abu Salem) अपनी रिहाई के लिए छटपटा रहा है। अबू सलेम पिछले 25 साल से जेल की काल कोठरी में कैदा है। अब उसने गिड़गिड़ाते हुए जेल से निकालने की फरियाद कोर्ट से लगाई है। इसके लिए बकायदा उसने पुर्तगाल से हुई प्रत्यर्पण संधि के नियमों का हवाला दिया है।

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बता दें कि 1993 मुंबई धमाकों के मुख्य आरोपी में से एक अबू सलेम आतंकी हमले को अंजाम देने के बाद पुर्तगाल भाग गया था। साल 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे भारत लाया गया था।

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अबू सलेम ने बॉम्बे हाई कोर्ट में अपील की है कि वह जेल में 25 साल पूरे कर चुका है और पुर्तगाल से हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत उसे 25 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता। सलेम का कहना है कि काटी गई सजा की अवधि को देखते हुए अब उसे रिहा कर देना चाहिए।

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गैंगस्टर सलेम की ओर से एडवोकेट फरहाना शाह ने सोमवार (17 फरवरी) को जस्टिस सारंग कोतवाल और जस्टिस श्रीराम मोदक की बेंच के सामने याचिका पेश की। इस मामले में 10 मार्च को सुनवाई तय की गई है। याचिका में कहा गया है कि प्रत्यर्पण के वक्त पुर्तगाल के साथ यह करार किया गया था कि दोषी को 25 साल से ज्यादा जेल में नहीं रखा जा सकता। याचिका में यह भी उल्लेख हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई 2002 में भी कहा था कि पुर्तगाल के साथ प्रत्यर्पण संधि के अनुसार सलेम को जेल में 25 साल पूरे करने पर रिहा करना होगा। याचिका में कोर्ट से अधिकारियों को सलेम की रिहाई की सटीक तारीख बताने का निर्देश देने की मांग भी की गई है।

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सलेम ने ऐसे गिनाए 25 साल
सलेम ने अपनी याचिका में नवंबर 2005 से लेकर अब तक जेल में बिताए समय की गिनती की। उसके मुताबिक, नवंबर 2005 से सितंबर 2017 के बीच अंडरट्रायल अवधि के दौरान उसने लगभग 11 साल, 9 महीने और 26 दिन बिताए। इसके बाद फरवरी 2015 से दिसंबर 2024 तक उसने एक अपराधी के रूप में 9 साल 10 महीने और 4 दिन जेल में निकाले। याचिक में कहा गया है, अपने अच्छे व्यवहार के लिए उसने 3 साल और 16 दिन की छूट हासिल की। पुर्तगाल में विचाराधीन कैदी के रूप में बिताए गए समय के लिए सुप्रीम कोर्ट से मिली छूट को भी उसने जोड़ा। इस तरह उसने कैदी के रूप में 24 साल और 9 महीने जेल में निकाल देने का दावा किया।

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