लखनऊ. बीएचयू गैंगरेप के दो आरोपियों को हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर हमला बोला है. उन्होंने एक्स पर लिखा कि भाजपा की आईटी सेल के पदाधिकारी के रूप में काम करनेवाले बीएचयू गैंग रेप के तीन आरोपियों में से दो को जमानत मिलने की खबर निंदनीय भी है और चिंतनीय भी. सवाल ये है कि दुष्कर्म करनेवालों की कोर्ट में लचर पैरवी करने का दबाव किसका था.
अखिलेश यादव ने कहा कि ये देश की बेटियों का मनोबल गिराने की शर्मनाक बात है कि न केवल ये बलात्कारी बाहर आ गए बल्कि ऐसी भी ख़बरें हैं कि भाजपाई परंपरानुसार इनका फूल-मालाओं से स्वागत भी हुआ है. भाजपा इस बारे में देश की बहन-बेटियों से कुछ कहना चाहेगी? आशा है सच्ची पत्रकारिता करनेवाली सभी महिला एंकर इसके बारे में अपना एक शो जरूर करेंगी. इस अति संवेदनशील मामले में तो हम भाजपा-संबद्ध उन तथाकथित ‘ईमानदार’ पत्रकारों से भी, रस्म अदायगी के स्तर पर ही सही, उनके महिला होने के नाते, इतनी उम्मीद तो कर सकते हैं कि वो बोलेंगीं नहीं, लेकिन इस जमानत को सही ठहराने के लिए कुतर्क करनेवाले भाजपाई प्रवक्ताओं को कम से कम टोकेंगी तो, उन सबसे इससे ज़्यादा की उम्मीद रखना बेमानी है. भाजपा स्पष्ट करे कि क्या देश के ‘प्रधान संसदीय’ क्षेत्र में भाजपाई कार्यकर्ताओं को दुष्कर्म करने की विशेष छूट और स्वतंत्रता मिली हुई है? बेहद शर्मनाक!
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बता दें कि नवंबर 2023 में आईआईटी-बीएचयू की छात्रा से तीन युवकों ने कैंपस में रेप किया था. इस घटना के बाद विश्वविद्यालय के छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपियों कुणाल पांडे, सक्षम पटेल और अभिषेक चौहान को गिरफ्तार किया था. हालांकि वाराणसी के फास्ट ट्रैक कोर्ट ने तीनों की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. हाल ही में हाईकोर्ट ने कुणाल पांडे और अभिषेक चौहान की जमानत याचिका स्वीकार कर ली, जबकि सक्षम पटेल अभी जेल में है.
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