नई दिल्ली। एक मैट्रिमोनियल वेबसाइट के जरिए एक महिला को धोखा देने के आरोप में एक महिला समेत दो नेपाली नागरिकों को यहां गिरफ्तार किया गया है. बाहरी पुलिस उपायुक्त समीर शर्मा ने बताया कि आरोपियों की पहचान रेणुका गुसाईं उर्फ मंजू और आमोस गुरंग उर्फ यादव गुरुंग के रूप में हुई है. पुलिस को एक महिला की शिकायत मिली, जिसमें कहा गया था कि वह एक विधवा है और उसने वैवाहिक साइट जीवनाथी डॉट कॉम पर एक प्रोफाइल बनाई थी, जहां वह नरेश एंड्रयूज नामक एक व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो भारत से बाहर बस गया था.

दोनों में बात होने लगी और बाद में शादी करने का फैसला किया. डीसीपी ने कहा कि एंड्रयूज ने उसे बताया कि वह उससे शादी करने के लिए भारत आ रहा है. बाद में उसने कहा कि उसके भारत पहुंचने के बाद मुंबई कस्टम्स ने उसे रोक दिया, क्योंकि वह उसके लिए महंगे उपहार लाए थे. आरोपी ने पीड़िता को बताया कि उसके सामान की निकासी शुल्क और वह जो नकदी ले जा रहा था, उसकी कीमत क्रमश: 35,000 रुपए और 1,85,000 रुपए थी और उससे पैसे की मांग की.

अधिकारी ने कहा, “कुल मिलाकर, आरोपी ने शिकायतकर्ता से कुल 34,88,410 रुपये ठगे. इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की और मामले की जांच शुरू कर दी. जांच के दौरान आरोपी के वैवाहिक प्रोफाइल विवरण और उसके कॉल रिकॉर्ड का विश्लेषण किया गया. पुलिस को पता चला कि पैसा गुरंग के नाम से दिल्ली में एसबीआई बैंक सेक्टर 12 द्वारका शाखा में एक खाते में स्थानांतरित किया गया था. एटीएम और बैंक निकासी के सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण किया गया, जिसमें से रकम निकालने वाले की फोटो भी हासिल की गई.

डीसीपी ने कहा कि पुलिस टीम ने तब द्वारका के विश्वास पार्क में छापेमारी की और गुरंग को गिरफ्तार किया, जिसने कहा कि उसने द्वारका के रामफल चौक में रहने वाले गुसैन को इस राशि का भुगतान किया था. उसके कहने पर उसे भी गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में गुसाईं ने बताया कि वह 6 साल पहले दिल्ली आई थी. 2019 में उसने उत्तम नगर के नवादा में टूर एंड ट्रैवल्स नाम की एक कंपनी में काम करना शुरू किया, जहां वह नाइजीरियाई नागरिक जॉन से मिली, जिसने उसे साइबर धोखाधड़ी के बारे में बताया. अधिकारी ने कहा कि इसलिए गुसाईं ने अपने दोस्त गुरंग के साथ मिलकर वैवाहिक साइटों का इस्तेमाल कर लोगों को ऑनलाइन ठगने की साजिश रची.