चन्द्रकान्त/बक्सर: जिले के सदर प्रखंड अंतर्गत मध्य विद्यालय हरीकिशुनपुर में शुक्रवार को मिड डे मील खाने के दौरान बड़ी लापरवाही उजागर हुई. भोजन में छिपकली गिरने के कारण दर्जनों बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई. बच्चों को उल्टी, चक्कर और पेट दर्द की शिकायत होने लगी. आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए सदर अस्पताल बक्सर में भर्ती कराया गया, जहां सभी का इलाज जारी है.
‘यह मामला फूड प्वाइजनिंग का है’
सिविल सर्जन डॉ शिव कुमार प्रसाद चक्रवर्ती ने बताया कि यह मामला फूड प्वाइजनिंग का है. कुल 20 बच्चों को अस्पताल लाया गया था. सभी बच्चों की स्थिति अब खतरे से बाहर है. सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि घटना की जांच के लिए स्वास्थ्य विभाग की एक विशेष टीम को स्कूल भेजा गया है. यह टीम यह पता लगाएगी कि भोजन में छिपकली कैसे गिरी और लापरवाही कहां हुई.
भोजन शुरू करते ही बिगड़ी तबीयत
स्थानीय लोगों और शिक्षकों ने बताया कि शुक्रवार को सभी बच्चे रोजाना की तरह स्कूल आए थे. दोपहर के समय जब मध्याह्न भोजन बांटा गया तो कुछ ही देर में कई बच्चों ने पेट दर्द और उल्टी की शिकायत की. जैसे-जैसे समय बीतता गया, बीमार बच्चों की संख्या बढ़ती गई. एक-एक कर दर्जनों बच्चे शिकायत करने लगे, जिससे स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया. जब शिक्षकों ने भोजन की जांच की तो एक थाली में मरी हुई छिपकली पाई गई. इसके बाद स्थिति स्पष्ट हो गई कि बच्चों की तबीयत उसी के कारण बिगड़ी है.
अस्पताल में मचा हंगामा
बच्चों की खबर सुनकर परिजन भी घबरा गए और बड़ी संख्या में सदर अस्पताल पहुंच गए. उन्होंने स्कूल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया. परिजनों ने कहा कि मिड डे मील की गुणवत्ता पर किसी का ध्यान नहीं है. बच्चों के भोजन की सही निगरानी नहीं होती. किचन शेड में साफ-सफाई की व्यवस्था नहीं है और खुले बर्तनों में खाना रखा जाता है, जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.
जांच में जुटी स्वास्थ्य विभाग की टीम
घटना के बाद जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग भी सक्रिय हो गया है. प्राथमिक जांच में मिड डे मील की लापरवाही सामने आई है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने विद्यालय पहुंचकर किचन शेड और बचे हुए भोजन के नमूने लिए हैं. रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. यह घटना एक बार फिर मिड डे मील योजना की निगरानी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही है. बच्चों की सेहत के साथ ऐसी लापरवाही गंभीर चिंता का विषय है. अभिभावकों और स्थानीय ग्रामीणों की मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो और भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों, इसके लिए कड़े इंतजाम किए जाएं.
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