शब्बीर अहमद, भोपाल। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका  लगा है। पूरे प्रदेश में पार्टी को जहां 66 सीटें मिली। वहीं, मध्य प्रदेश के 20 जिले ऐसे भी रहे, जहां कांग्रेस का खाता तक नहीं खुल सका। यानी कि विधानसभा चुनाव में एमपी के 20 जिले पूरी तरह से कांग्रेस मुक्त हो गए। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। वहीं तीन जिले ऐसे भी थे जहां बीजेपी एक भी सीट नहीं जीत पाई। 

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तीन राज्यों की विधानसभा चुनाव में ये हार कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि कई जिले ऐसे हैं जहां कांग्रेस पूरी तरह से साफ हो गई। इनमें एक है दमोह जिला। दमोह में पिछले चुनाव में कांग्रेस को एक सीट पर जीत मिली थी, इस बार वहां भी हार गई। 20 जिलों में भाजपा ने 89 सीटें जीती है। 

इन तीन जिलों में बीजेपी का नहीं खुल सका खाता 

इधर बीजेपी के प्रचंड जीत के बाद भी तीन जिले छिंदवाड़ा, हरदा, श्योपुर ऐसे रहे जहां पार्टी का खाता नहीं खुल सका है। यहां कांग्रेस ने पूरी तरह से कब्जा किया है। हालंकि बावजूद इसके कांग्रेस पूरे प्रदेश में सिर्फ 66 सीटें लेने में कामयाब रही।    

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बता दें कि भाजपा ने एमपी के कटनी, पन्ना, विदिशा, रायसेन, राजगढ़, शाजापुर, देवास, खंडवा, बुरहानपुर और इंदौर जिलों के सभी विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है और इन जिलों से कांग्रेस को मुक्त कर दिया है।

इन सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन बरकरार

रतलाम में जहां कांग्रेस के पास एक सीट थी, इस बार वहां से भारत आदिवासी पार्टी के उम्मीदवार ने जीत दर्ज की है। सिंगरौली, शहडोल, उमरिया, नर्मदापुरम, सीहोर और नीमच में भाजपा ने अपना प्रदर्शन बरकरार रखा।

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