संदीप सिंह ठाकुर, लोरमी. वन और जलवायु परिवर्तन विभाग छत्तीसगढ़ शासन के मंशाअनुरूप अचानकमार टाइगर रिजर्व लोरमी के अंदुरूनी गांवों के बच्चों को बेहतर स्वरोजगार के प्रशिक्षण के लिए भिलाई ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. पिछले साल भी तत्कालीन फील्ड डायरेक्टर एस जगदीशन और तत्कालीन उपसंचालक नायर विष्णुराज नरेंद्रन के नेतृत्व में एटीआर अंतर्गत आने वाले गांवों के 23 आदिवासी बच्चों को लाइवलीहुड ट्रेनिंग के लिए भिलाई भेजा गया था, जिसमें शत प्रतिशत बच्चे आज विभिन्न संस्थानों में चयनित होकर रोजगार प्राप्त कर रहे हैं.

इसी परंपरा और उसकी सफलता को देखते हुए 21 बच्चों को भिलाई लाइवलीहुड ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है. एटीआर प्रबंधन लोरमी और आईसीआईसीआई लाईवलीहुड फाउंडेशन भिलाई के संयुक्त प्रयासों से सफलता पूर्वक तीसरी बार बच्चों को त्रैमासिक प्रशिक्षण के लिए भेजा गया है. भिलाई स्थित लाइवलीहुड प्रशिक्षण संस्थान में 5 महत्पूर्ण पाठ्यक्रमों में बच्चों को प्रशिक्षण दिया जाता है, जिसमें उनको पाठ्यक्रम से संबंधित यूनिफॉर्म और टूल किट्स दिया जाता है. जो पूर्णतः निःशुल्क होता है.

वहीं एटीआर प्रबंधन लोरमी द्वारा प्रशिक्षणनार्थी बच्चों के रहने, खाने, पॉकेट मनी आदि का इंतजाम पूर्णतः निशुल्क किया जाता है. आज के समय में जहां रोजगार प्राप्ति में कठिनाई होती है. वहीं एटीआर के दूरस्थ गांवों के आदिवासी बच्चों को सरलता पूर्वक निशुल्क रोजगार उपलब्ध कराना एक बेहतर प्रयास साबित हो रहा है. ऐसे प्रयास अगर सतत चलता रहे तो इससे न केवल रोजगार की समस्या दूर होगी, साथ ही वन सहित वन्यप्राणियों के बेहतर प्रबंधन में सहभागिता प्राप्त होगी.

एटीआर प्रबंधन का यह प्रयास सामुदायिक वानिकी और संरक्षित क्षेत्र के प्रबंधन में कम्युनिटी स्टीवर्डशिप सुनिश्चित करने की और का एक बेहतर उदाहरण और सकारात्मक पहल है. उपरोक्त प्रयास फील्ड डायरेक्टर मनोज पांडेय, डिप्टी डायरेक्टर गणेश यू आर के कुशल निर्देशन औऱ मार्गदर्शन में संचालित हो रहे हैं. जिसमे असिस्टेंट डायरेक्टर संजय लूथर, रेंज ऑफिसर अमित रोशन, विक्रांत कुमार आदि अधिकारी-कर्मचारियों का सतत सहयोग रहा है.

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