NEET UG 2024:  नीट परीक्षा सिर्फ देश की ही नहीं, बल्कि दुनिया की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक है. हर साल 20 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स इस मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम के लिए आवेदन करते हैं. लेकिन, बड़ी संख्या में छात्र दाखिला पाने से वंचित रह जाते हैं .छात्रों को भी मुश्किल से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिला मिलता है.एमबीबीएस सीटें उसी राज्य के बच्चों के लिए आरक्षित रहती है. ऐसे में नीट की परीक्षा पास करने के बाद हर राज्य का एक अपना कट-ऑफ मार्क्स और उस राज्य के लिए ओपन कोटा स्कोर कार्ड बनाया जाता है. इसी आधार पर राज्य और राज्य के बाहर के बच्चों का किसी खास मेडिकल कॉलेज में दाखिला होता है.

बेस्ट नीट स्कोर क्या माना जाता

इस साल नीट यूजी परीक्षा 05 मई, 2024 को होगी. निजी व सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए नीट परीक्षा पास करना जरूरी है. नीट यूजी परीक्षा के लिए 23 लाख 80 हजार से ज्यादा युवाओं ने आवेदन किया है. नीट का फुल फॉर्म नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट-अंडरग्रेजुएट है. 12वीं पास युवा यह मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम दे सकते हैं. ज्यादातर स्टूडेंट्स के लिए भारतीय मेडिकल कॉलेजों की एमबीबीएस कोर्स की फीस बजट से बाहर होती है. इसलिए वह नीट परीक्षा में बेहतर स्कोर हासिल करके सरकारी मेडिकल कॉलेज में दाखिले की तैयारी करते हैं .

दाखिले के लिए बेस्ट नीट स्कोर क्या माना जाता है ?

700+ मार्क्स- नीट परीक्षा में 700 से ज्यादा अंक हासिल कर पाना मुश्किल होता है. इसे असाधारण स्कोर रेंज माना जाता है. 720 अंकों पर एम्स, जिपमर, लेडी हार्डिंग, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज और सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज जैसे प्रतिष्ठित सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है.

650-700 मार्क्स- नीट यूजी परीक्षा में 650-700 अंकों को भी एक्सीलेंट स्कोर माना जाता है. इस श्रेणी में अंक स्कोर करने वाले उम्मीदवारों को राज्य के सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिल सकता है. लेकिन इस रेंज के लिए भी बहुत मेहनत की जरूरत होती है.

550-650 मार्क्स- यह सबसे ज्याजा कंपीटेटिव स्कोर रेंज मानी जाती है. इतने अंकों पर काउंसलिंग के दूसरे या तीसरे फेज में अच्छे सरकारी मेडिकल कॉलेज में सीट मिल सकती है. हालांकि, 550 स्कोर वाले एससी/एसटी/पीडब्ल्यूडी वर्ग के उम्मीदवारों को नीट 2024 में हाई रैंक मिलने की संभावना है.

550 मार्क्स से कम- यह नीट की सबसे कम स्कोर रेंज है. इतने कम स्कोर पर सरकारी मेडिकल कॉलेज में एडमिशन मिलना मुश्किल है. हालांकि कुछ निजी मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस पाठ्यक्रम में दाखिला मिल सकता है. एससी/एसटी वर्ग के उम्मीदवारों के लिए यह स्कोर बेहतरीन माना जाता है.

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