राकेश चतुर्वेदी, भोपाल। मध्य प्रदेश में शिवराज सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. आलम ये है कि अब प्रदेश में ग्राम पंचायतों ने अपना काम ठप कर दिया है. पंचायतों के अनिश्चितकालीन हड़ताल से कामकाज ठप हो गया है. हड़ताल का आज दूसरा दिन है. करीब 70 हजार ग्रामीण विकास विभाग में कार्यरत कर्मचारी अधिकारी अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल की राह पर हैं.
गांवों में 23 हजार ग्राम पंचायत और 313 जनपद पंचायत, 52 जिला पंचायतों में कामकाज ठप हो गया है. प्रदेश भर में 23 हजार पंचायत सचिव, 23 हजार ग्राम रोजगार सहायक और 24 हजार जनपद पंचायत और जिला पंचायतों के संविदा और नियमित अधिकारी-कर्मचारी हड़ताल पर हैं.
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हड़ताल का आज दूसरा दिन
बता दें कि हड़ताल का आज दूसरा दिन है. गांवों में संचालित 54 प्रकार की योजनाओं का काम बंद है. जिसमें वैक्सीनेशन, मनरेगा, पीएम ग्रामीण आवास, स्वस्थ भारत मिशन और स्वसहायता समूहों का काम ठप है. अधिकारी-कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चे ने सरकार को चेतावनी दी है कि जब तक मांग नहीं मानी जाएगी तब तक हड़ताल जारी रहेगी.
पंचायतराज व्यवस्था की विरोधी बीजेपी
वहीं पंचायत की हड़ताल को लेकर कांग्रेस ने बीजेपी पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता फिरोज सिद्दकी ने कहा कि बीजेपी पंचायतीराज व्यवस्था की विरोधी है. सरकार सत्ता का विकेंद्रीकरण के बजाए सत्ता का केंद्रीयकरण करना चाहती है, इसलिए पंचायतकर्मियों को सुनवाई नहीं कर रही है.
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बीजेपी ने हड़ताल वापस लेने की अपील
दूसरी तरफ बीजेपी ने भी पंचायतकर्मियों से हड़ताल वापस लेने की अपील की है. बीजेपी प्रवक्ता यशपाल सिंह सिसौदिया ने कहा कि पंचायतकर्मी मंत्री और सरकार से बातचीत करें. हड़ताल वापस ले और अपनी परेशानियों को लेकर सरकार से बातचीत करें.
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ये हैं प्रमुख मांगें
- भीकनगांव जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी राजेश बाहेती और धार जिले की गंधवानी जनपद के उपयंत्री प्रवीण पंवार की मौत हुई है. कर्मचारियों का तर्क है कि बाहेती ने काम के दबाव में आत्महत्या की, वहीं उपयंत्री को भी परेशान किया गया. इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए.
- जनपद व पंचायतों के कर्मचारियों पर काम का दबाव कम किया जाए.
- मृतक सचिवों के परिजनों को अनुकंपा नियुक्ति दी जाए.
- जनपद सीईओ पर राजनीतिक व प्रशासनिक दबाव कम किया जाए.
- रोजगार सहायकों को अंशकालिक के बजाय पूर्णकालिक नियुक्ति दी जाए.
- उपयंत्री, सहायक यंत्रियों के पद भरे जाएं.
- पंचायतों में शासकीय सेवाओं के लिए बार-बार आना-जाना पड़ता है, वाहन की व्यवस्था की जाए.
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