रेणु अग्रवाल, धार। भोजशाला ASI सर्वे का आज 26वां दिन था। आज 11 अधिकारी और 28 मजदूर भोजशाला में सर्वे के लिए पहुंचे थे। भोजशाला परिसर के पीछे की ओर तीन साइट पर सर्वे का काम जारी रहा। आज भोजशाला परिसर में पूजा और हनुमान चालीसा का पाठ किया गया। हालांकि, हवन कुंड में हवन पूजन नहीं हुआ क्योंकि कल तक हवन कुंड के पास सर्वे किया जा रहा था। आज हवन कुंड की सफाई की गई।

मुस्लिम पक्षकार अब्दुल समद ने दावा किया है कि सोमवार को भोजशाला परिसर में खुदाई के दौरान गौतम बुद्ध की मूर्ति निकली थी। लेकिन एएसआई के अधिकारियों ने उन्हें नहीं बताया कि यह किसकी मूर्ति है। उन्होंने कहा कि हम यह आपत्ति लिखित में दर्ज करवाएंगे।

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मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद ने इस बात पर जताई आपत्ति

अब्दुल समद ने मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि आज हम लिखित में आपत्ति दर्ज करवाएंगे कि हमें इस मूर्ति के बारे में जानकारी नहीं दी गई और इसको अलग रख दिया गया है। मुस्लिम पक्षकार का कहना है कि सोमवार को खुदाई के दौरान करीब 12:30 बजे गौतम बुद्ध की मूर्ति प्राप्त हुई थी। एक बाई डेढ़ फीट के करीब उसका साइज था। महाराजा गौतम बुद्ध की मूर्ति को जब हम लोगों ने देखा है। अधिकारियों से इस विषय पर पूछने पर जवाब मिला कि बड़े अधिकारियों से पूछ कर आपको कल जानकारी दी जाएगी। लेकिन उस मूर्ति के विषय में कोई जानकारी नहीं दी गई है।

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हिंदू पक्ष ने भी इस विषय पर ASI को दिया आवेदन

हिंदू पक्ष के आशीष गोयल ने कहा कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के द्वारा दोनों ही पक्षों की मौजूदगी में सर्वे चल रहा है। जो कुछ भी निकलता है वह दोनों ही पक्षों की मौजूदगी में उसकी फोटोग्राफी वीडियोग्राफी भी करवाई जाती है। उसके बाद क्लीनिंग कर ब्रशिंग करके उसे सुरक्षित रख दिया जाता है। माननीय उच्चतर न्यायालय के निर्देश के अनुसार सारा कार्य हो रहा है। वहीं हमने भी एक मेल करके एक और आवेदन दिया है।

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पिलर बेस और आकृतियों को सर्वे में शामिल करने की मांग

हमारी मांग है कि प्रवेश द्वार से उत्तर की ओर बाहर की ओर भोजशाला के पूर्व में जो भी मरम्मत हुई हो या खुदाई हुई हो या रखरखव हुआ हो, उसके अंदर जो भी स्तंभ हैं, पिलर बेस हैं, आकृतियां हैं, उन सबको भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाए। साथ ही अंदर की ओर भी ऐसे अवशेष रखे हुए है उन्हें भी सर्वेक्षण में शामिल किया जाए।

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