दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की स्पेशल सेल और हरियाणा STF की संयुक्त टीम ने हरियाणा-दिल्ली सीमा पर एक मुठभेड़ में तीन लाख रुपये के इनामी बदमाश रोमिल वोहरा(Romil Vohra) को मार गिराया. इस घटना में दिल्ली और हरियाणा पुलिस(Haryana Police) के एक-एक जवान घायल हुए. रोमिल, गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप उर्फ काला राणा और नोनी राणा के गिरोह का सक्रिय सदस्य था. वह कुरुक्षेत्र के शराब कारोबारी शांतनु की हत्या, यमुनानगर में तिहरे हत्याकांड और जबरन वसूली जैसे कई मामलों में वांछित था.
स्पेशल सेल के अतिरिक्त सीपी प्रमोद सिंह कुशवाहा के अनुसार, 23 जून को हरियाणा एसटीएफ को सूचना मिली कि रोमिल दिल्ली में किसी आपराधिक घटना को अंजाम देने के लिए आ रहा है. इसके बाद, हरियाणा एसटीएफ और दिल्ली पुलिस की एक संयुक्त टीम ने उस क्षेत्र में निगरानी शुरू कर दी.
मंगलवार सुबह हरियाणा-दिल्ली सीमा पर पुलिस ने एक संदिग्ध को रोका, लेकिन उसने पुलिस पर गोलीबारी कर दी और भागने की कोशिश की. पुलिस की जवाबी कार्रवाई में रोमिल घायल हो गया, जिसके बाद उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. हरियाणा पुलिस ने रोमिल पर 3.10 लाख रुपये का इनाम रखा था.
यमुनानगर का 20 वर्षीय रोमिल पिछले दो महीनों में हरियाणा में कई हत्याओं में संलिप्त रहा है. वह दिल्ली में आर्म्स एक्ट के मामले में भी वांछित है और पंजाब तथा हरियाणा में हुई कई गोलीबारी की घटनाओं में उसका नाम सामने आया है. कुख्यात काला राणा-नोनी राणा गिरोह से जुड़े रोमिल ने विदेश से मिले निर्देशों के आधार पर हत्याओं को अंजाम दिया. यमुनानगर में हुए तिहरे हत्याकांड में उसकी संलिप्तता की पुष्टि हो चुकी है.
3 राज्यों की पुलिस को थी रोमिल की तलाश
रोमिल की खोज केवल हरियाणा तक सीमित नहीं थी, बल्कि दिल्ली और पंजाब पुलिस भी उसकी तलाश में जुटी हुई थी. रोमिल वोहरा ने पंजाब में भी कई आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दिया है, जिसके चलते पंजाब पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए सक्रिय थी. उसे मोहाली के सेक्टर-71 में एक प्रसिद्ध फिल्म प्रोड्यूसर के घर के बाहर अपने एक साथी के साथ मिलकर फायरिंग करने का आरोप झेलना पड़ रहा था. उसका एक साथी पहले ही पंजाब पुलिस के हाथों पकड़ा जा चुका है, जबकि रोमिल तब से फरार है.
गैंग में शामिल होते ही ताबड़तोड़ वारदातें कीं
यमुनानगर के कासापुर अशोक विहार में रहने वाले 20 वर्षीय रोमिल वोहरा पर हत्या, जबरन वसूली और फायरिंग के आठ से अधिक मामले दर्ज हैं. जानकारी के अनुसार, वह लगभग आठ महीने पहले काला राणा और नोनी राणा गैंग में शामिल हुआ था. गैंग में शामिल होने के बाद उसने चार हत्याएं कीं, जिससे इलाके में आतंक फैल गया. उसकी बढ़ती आपराधिक गतिविधियों के कारण पुलिस और स्थानीय निवासियों में चिंता का माहौल बना हुआ था.
गैंगस्टर काला राणा पर 28 मामले दर्ज
गैंगस्टर वीरेंद्र प्रताप, जिसे काला राणा के नाम से जाना जाता है, पर हरियाणा में 28 गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. उसकी आपराधिक गतिविधियों की शुरुआत मार्च 2013 में यमुनानगर में एक कार लूट से हुई थी. काला राणा ने हरनम सिंह के नाम से एक फर्जी पासपोर्ट बनवाया और वेश बदलकर थाईलैंड भाग गया, जहां से उसने अपने गैंग का संचालन भारत में किया. हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और चंडीगढ़ पुलिस उसे लंबे समय से खोज रही थी. अंततः, उसे बैंकॉक से भारत लाया गया. काला राणा का भाई नोनी राणा भी एक कुख्यात अपराधी है.
- छत्तीसगढ़ की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- उत्तर प्रदेश की खबरें पढ़ने यहां क्लिक करें
- लल्लूराम डॉट कॉम की खबरें English में पढ़ने यहां क्लिक करें
- खेल की खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें
- मनोरंजन की बड़ी खबरें पढ़ने के लिए करें क्लिक