कानपुर। उत्तर प्रदेश में बीजेपी के अंदर ही महाभारत शुरु हो गई है. कानपुर में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना को लेकर पार्टी में अंतर्कलह शुरु हो गई है और तीन सांसदों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
दरअसल, विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कानपुर में एक समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक में मंडल के सभी महत्वपूर्ण अफसर मौजूद रहे. जिसको लेकर बीजेपी के तीन सांसद उनसे खफा हो गए हैं. इन नेताओं ने इस मीटिंग को गैरकानूनी बताया है.
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सतीश महाना के बैठक बुलाने पर कानपुर सांसद सत्यदेव पचौरी ने कहा कि ये बैठक असंवैधानिक है. विधानसभा अध्यक्ष सरकार का हिस्सा नहीं हैं. ऐसे में विधानसभा अध्यक्ष बैठक नहीं बुला सकते हैं. उन्होंने कहा कि मैंने CM योगी को पत्र लिखा है. मैं अपने दायित्य का निर्वहन कर रहा हूं पचौरी ने कहा कि यह गैरकानूनी मीटिंग है. साथ ही बीजेपी नेता देवेंद्र भोले और अशोक रावत ने भी इस पर नाराजगी जताई है.
वहीं बताया जा रहा है कि सीडीओ ने सांसद को पत्र के माध्यम से बैठक की सूचना दी थी. दिशा की बैठक के लिए स्पीकर के सलाहकार ने निर्देश दिए थे. पचौरी ने पत्र में कहा कि सांसद,प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में दिशा की बैठक होती है.
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बता दें कि विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने विकास कार्यों को लेकर आज कानपुर में एक बैठक बुलाई थी. जिसको लेकर सांसद सत्यदेव पचौरी ने मंडलायुक्त को बैठक न कराने के लिए पत्र लिखा था. जिस पर सासंद देवेंद्र सिंह भोले के भी हस्ताक्षर थे.
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