सदफ हमीद, भोपाल। 15 जून को प्रदेश में मानसून दस्तक दे सकता है. जिसको लेकर प्रशासन ने जर्जर मकानों का चयन करना शुरू कर दिया है. राजधानी भोपाल के ऐशबाग थाना के पास हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी ईडब्ल्यूएस जनता क्वार्टर पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. जिसमें 600 परिवार के 3 हजार लोग रहते हैं. बिल्डिंग के बाहर नगर निगम ने बोर्ड लगाकर बिल्डिंग को जर्जर तो घोषित कर दिया है, लेकिन रहवासियों के शिफ्टिंग को लेकर अभी तक कोई काम शुरू नहीं किया गया है, न ही उनके रहने की कहीं कोई व्यवस्था की है.

इसे भी पढ़ें ः मध्यप्रदेश में 12 वीं की परीक्षा लेगा एमपी बोर्ड या फिर होगी रद्द ! फैसला कुछ देर में

रहवासियों के मुताबिक हर बारिश में बोर्ड लगा दिया जाता है, लेकिन मकान आवंटित नहीं किए जाते हैं. लोगों की मांग है कि जब तक हमे कोई दूसरी व्यवस्था सरकार की तरफ से नहीं कि जाती तबतक क्वार्टर खालीं नहीं करेंगे. इससे पहले भी लोगों को मकान खाली करने को कहा गया, लेकिन रहवासियों और प्रशासन के बीच कोई रास्ता नहीं निकल सका, न ही प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम उठाया जाता है. वहीं बिल्डिंग के बाहर नोटिस लग जाने के बाद भी मकान खाली करने का नोटिस नहीं मिला है.

इसे भी पढ़ें ः जूडा अध्यक्ष के घर देर रात पहुंची पुलिस, हड़ताल खत्म कराने बजुर्ग पिता को धमकाने का आरोप, वीडियो जारी कर डॉक्टर ने बयान किया दर्द

बता दें कि जर्जर मकान में रहने वाले 3 हज़ार जिंदगियां दांव पर लगी हैं. कारण यह है कि लोग इसी जर्जर मकान में रहने को मजबूर हैं. सरकार के पास भी कोई बी प्लान नहीं है. जबकि बिल्डिंग 33 साल पुरानी है. जिसकी मियाद भी खत्म हो चुकी है. जिससे बारिश में किसी अनहोनी का खतरा बना हुआ है. ऐसे में सरकार पर सवाल खड़ा होता है कि अगर इस बीच कोई हादसा होता है तो इसका जिम्मेदार कौन होगा.

हमारे whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें