चंडीगढ़. पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) में जजों की कमी से पंजाब, हरियाणा और केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की जनता तो प्रताड़ित है ही परन्तु स्वयं हाईकोर्ट के जज भी इस से प्रताड़ित हो रहे हैं. इस समय हाईकोर्ट के न्यायधीशों की संख्या 55 है यानि जजों के 30 पद रिक्त पड़े हैं जिस कारण न केवल जनता को बल्कि स्वयं जजों को भी परेशान होना पड़ रहा है. अभी समस्या और गंभीर होने वाली है क्योंकि इसी वर्ष तीन से चार जज सेवानिवृत होने वाले हैं और एक दो को किसी अन्य हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के तौर पर नियुक्ति की तरक्की मिल सकती है.

जजों की कमी के कारण जनता परेशान

हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) में जजों की कमी के कारण जनता परेशान है क्योंकि उनके केस की बारी ही मुश्किल से आती है. जज इसलिए परेशान हैं क्योंकि उनके भरसक प्रयास के बाद भी वे सभी केस नहीं सुन पाते जबकि उनका 100% से अधिक प्रयास रहता है कि उनकी तरफ एक आस के साथ आए लोगों को कुछ न्याय मिल सके. अब वकीलों की बात करें तो वे भी प्रताड़ित हैं क्योंकि उनके मुवकिल पीछे पड़े रहते हैं कि उनके मामले में कुछ किया जाए.

स्थिति एक नजर
जज तो इतने परेशान हैं कि एक मामले पर सुनवाई के दौरान हुई गहमा गहमी में एक वरिष्ठ जज ने वकील को कह दिया कि आप हमे बताएं कि हम क्या करें. जब वकील ने कहा कि पिछले एक वर्ष से अधिक समय से उनके केस की बारी नहीं आ रही और उनका मुवकिल केस पर सुनवाई की प्रतीक्षा में बेड पर चला गया है तो जज ने कहा कि इसके लिए हमें मत कोसो, आप चाहें तो प्रथम खंडपीठ के पास जा सकते हैं और यदि आप चाहें तो जनहित याचिका दायर कर जजों की नियुक्ति के लिए कॉलेजियम को निर्देश देने की प्रार्थना कर सकते हैं. काफी गहमा गहमी के बीच आखिर वकील को खाली हाथ वापस जाना पड़ा. जज ने भी कहा कि उनके लिए सब एक समान हैं और हम अपना कर्तव्य निभा रहे हैं. यदि किसी को लगता है कि हम पूरा समय नहीं दे रहे तो कह सकता है परन्तु इस के बाद सभी के मुंह बंद हो गए. जज ने कहा कि हमारी भी कोई सीमा है कि हम कितने मामलों पर सुनवाई कर सकते हैं. अब यदि रिकॉर्ड देखा जाए तो तय संख्या के बराबर कभी भी जजों की संख्या नहीं हुई. पिछले काफी समय से जजों के नामों की सिफारिश नहीं हुई.

Highcourt
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पंजाब और हरियाणा राज्यों के डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जजों के कोटे के लगभग 20 पद रिक्त पड़े हैं जिन्हें भरना सब से आसान तरीका है. वैसे भी दोनों राज्यों के सैशन जज ही नहीं बल्कि सभी जज काफी समय से प्रतीक्षा कर रहे हैं कि उनके कोटे के पद भर दिए जाएं ताकि उनके जीवन का लक्ष्य उन्हें मिल सके. यदि सैशन जजों को हाईकोर्ट का जज बनाया जाता है तो निचले जजों को भी तरक्की का दूसरी में जजों केवल स्वाद चखने को मिल पाएगा. तरफ देखा जाए तो यदि हाईकोर्ट (Punjab-Haryana High Court) की संख्या पूरी हो जाती है तो न मामलों के निपटारे में तेजी आएगी बल्कि जनता को मायूस नहीं लौटना पड़ेगा क्योंकि दूर दराज के क्षेत्रों से वे कुछ उम्मीदें लेकर आते हैं. माना जा रहा है कि मध्य प्रदेश से जस्टिस शील नागू का नाम पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायधीश के लिए क्लियर हो रहा है और उनके आने के तुरंत बाद जजों की नियुक्ति के क्रम पर लगी ब्रेक हटने की उम्मीद है.