रायपुर। पूरा विश्व कोरोना की चपेट में है. कोरोना की वजह से लगभग सभी देशों ने न सिर्फ अपनी सीमाएं सील कर दी है बल्कि आवागमन भी प्रतिबंधित कर दिया गया है. ऐसे में देश के कई नागरिक विदेशों में फंसे हुए हैं. भूटान में छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्यों के मजदूरों के फंसे होने की खबर आ रही है. बिलासपुर उच्च न्यायालय की अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता प्रियंका शुक्ला के एक ट्वीट के बाद प्रदेश सरकार ने तुरंत ही उनके मदद के लिए सामने आ गई है.
प्रियंका शुक्ला ने सीएम भूपेश बघेल, टीएस सिंहदेव और सीएम के मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग को एक ट्वीट किया था. जिसमें उन्होंने भूटान में मजदूरों के फंसे होने की बात लिखी थी.
प्रियंका शुक्ला के इस ट्वीट के बाद प्रदेश सरकार हरकत में आई. लेबर कमिश्नर सोनमणि वोरा ने भूटान एम्बेसी में पदस्थ रहे अपने एक साथी से संपर्क कर उनकी मदद ली और वहां फंसे मजदूरों में से एक मजदूर से संपर्क कर बात की. सोनमणि वोरा ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि सभी के लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर दी गई है.
उऩ्होंने बताया, “एक ट्वीट के जरिये शाम को ही जानकारी हुई कि कुछ मजदूर भूटान में फंसे है, इनमें से किसी का भी कोई संपर्क नंबर नहीं था. मैंने विदेश सेवा के अपने एक बैचमेट जो पहले भूटान में पदस्थ था उनकी मदद ली. जिसके बाद बिहार के सिवान जिले के एक व्यक्ति मंटू शर्मा का नंबर पता चला. उसके नंबर पर बात करने पर जानकारी मिली कि वहां रोलिंग मिल में भारत के 35 लोग हैं, जिनमें से छत्तीसगढ़ का एक ही व्यक्ति है, जिसका नाम रोहित सिंह है जो कि मोतिनगर, रायगढ़ जिले का रहने वाला है. रोहित से भी बात हुई. उसने बताया कि वहां उन्हें खाने-पीने की ही समस्या है. जिसके बाद हमने रोलिंग मिल के मालिक से संपर्क कर उनके लिए खाने-पीने की व्यवस्था कर दी है. कल से उन्हें कोई समस्या नहीं होगी. हम कल फिर फॉलोअप करेंगे”
प्रियंका शुक्ला ने लल्लूराम डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि जैसे ही उन्हें इस संबंध में पता चला तो उन्होंने वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश जी से संपर्क किया. उन्हें उनकी डिटेल दी, जिसके बाद उन्होंने भूटान एम्बेसी को इसकी जानकारी दी. उर्मिलेश जी के बाद प्रदेश के श्रम विभाग के अधिकारियों ने भी संपर्क किया और बाद में सीएम के मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग ने बताया कि सोनमणि वोरा ने संज्ञान लिया है और एम्बेसी से बात हो गई है.
भूटान में फसे 65 लोग जिनमे छत्तीसगढ़ सहित अन्य राज्य के मजदूर शामिल, काफी मशक्कत के बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से संपर्क किया है, मालिक ने राशन देने की बात कही है, पत्रकार @UrmileshJ जी मदद के लिए आगे आये, मदद प्रक्रिया चल रही है, श्रम विभाग ने भी मामला संज्ञान में लिया। pic.twitter.com/c46w0efCGn
— Advocate Priyanka Shukla (Priya Shukla) (@priyankaaap23) April 12, 2020