रायपुर. विश्वभर में नया साल मनाने का तरीका भी अलग-अलग है. सभी धर्मों में नया साल एक उत्सव की तरह अलग-अलग अंदाज में अलग-अलग परंपराओं के साथ मनाया जाता है. दुनिया में सबसे अधिक देशों में ईसाई नव वर्ष मनाए जाने की परंपरा है. ईसाई वर्ष 1 जनवरी से शुरू होकर 31 दिसंबर तक 12 महीनों में बंटा हुआ है. खास बात यह है कि भले ही दुनिया के सभी धर्मों के रीति-रिवाज अलग-अलग हों लेकिन 1 जनवरी को सभी देशों में नए साल की धूम रहती है. विश्व में वर्ष के अंतिम कुछ क्षणों में आतिशबाजी करते हुए पुराने साल को विदा और नव वर्ष का स्वागत किया जाता है.
पूरे विश्व में मान्य इस नववर्ष को हमारे देश में भी धूमधाम से मनाया जाता है अतः हिन्दू नववर्ष के अलावा एक जनवरी वैश्विक नववर्ष को मनाया जा रहा है अतः इस नववर्ष में विश्व, देश एवं राज्य की स्थिति के अलावा ग्रहों का वर्ष में परिवर्तन एवं प्रभाव के साथ लाभ हानि के साथ सावधानी एवं राशि अनुसार प्रभाव एवं उपाय पर चर्चा की जा रही है.
साल 2022 में वर्ष 2022 में 4 बड़े ग्रह राशि परिवर्तन करेंगे. सूर्य, बुध, मंगल और शुक्र किसी राशि में एक माह से ज्यादा नहीं रहते हैं चंद्रमा सवा दो दिन में दूसरी राशि में गोचर कर जाता है. बड़े ग्रह की बात करें तो बृहस्पति, शनि, राहु और केतु ग्रह एक राशि में अधिक काल तक रहते हैं. इसीलिए इनका असर ज्यादा होता है. बृहस्पति इस वर्ष 12 अप्रैल 2022 को शाम 4 बजकर 58 मिनट पर शनि की राशि मकर से अपनी स्वराशि मीन में गोचर करेगा. हालांकि साल के शुरुआती महीने में बृहस्पति कुंभ राशि में मौजूद रहेंगे. यह ग्रह करीब 1 वर्ष तक एक ही राशि में गोचर करता है.
बृहस्पति के बाद 29 अप्रैल को शनि मकर राशि से निकलकर कुंभ में गोचर करेगा. लेकिन 12 जुलाई 2022 को शनि वक्री होकर फिर से मकर राशि में प्रवेश करेगा. राहु करीब 18 साल 7 महीने बाद मेष राशि में प्रवेश करेगा. राहु 12 अप्रैल 2022 को सुबह 10:36 बजे वृषभ राशि से मेष राशि में गोचर करेगा. राहु हमेशा वक्री चाल ही चलता है. यह एक राशि में करीब 1.5 रहता है. राहु और केतु एक साथ किसी भी राशि में परिवर्तन करते हैं. केतु वृश्चिक राशि से तुला राशि में गोचर करेगा.
राहु और केतु का असर क्रमशः मेष , वृषभ , मकर और धनु के लिए राहु केतु का गोचर शुभ नहीं है, जबकि मिथुन, कर्क , तुला और वृश्चिक के लिए यह शुभ होगा. बाकि के लिए सामान्य रहेगा शनि का असर क्रमशः वर्ष 2022 में मीन पर साढ़ेसाती प्रारंभ होगी जबकि कर्क और वृश्चिक पर शनि की ढैया प्रारंभ होगी वर्तमान में शनि ग्रह के मकर राशि में रहने के कारण वर्ष 2021 में धनु, मकर और कुंभ इन तीन राशियों पर साल 2021 में शनि की साढ़ेसाती चल रही है, जबकि मिथुन और तुला पर ढैय्या चल रही है. 29 अप्रैल 2022 को शनि मकर से निकलकर जब कुंभ राशि में भ्रमण करेंगे तब मीन, कुंभ और मकर राशि पर शनि की साढ़ेसाती तथा कर्क और वृश्चिक राशि पर शनि की ढैय्या लगेगी.
नववर्ष 2022 में सूर्योदय के समय धनु लग्न एवं लग्न में सूर्य के साथ शुक्र हैं, सूर्य भाग्यापति एवं शुक्र आयाधपति होकर लग्नस्थ होने से देश की कुंडली के अनुसार इस वर्ष भाग्य एवं आय का साथ होने से देश की आर्थिक एवं आध्यात्मिक स्थिति पिछले साल की तुलना में बेहतर होने के योग बन रहे हैं. मगर सप्तमेश एवं दशमेश बुध द्वितीयेश एवं तृतीयेश शनि के साथ होने से सामाजिक समरसता में कमी एवं आकस्मिक कष्ट एवं हानियां बनी रहेंगी.
पंचमेश मंगल एवं अष्टमेश चंद्रमा द्वादश भाव में राहु से पापाक्रांत होने से राजनैतिक परिस्थिति प्रतिकूल हो सकता है और राजनैतिक उथलपुथल एवं राजनीति से जुड़े लोगो में सौहार्द की कमी हो सकती है. कुल मिलाकर देश में इस साल राजनैतिक अस्थिरता, आर्थिक पक्ष मजबूत एवं सामाजिक सौहार्द में कमी दिखाई दे सकती है.