आईटी क्षेत्र की सबसे बड़ी कंपनी इन्फोसिस (Infosys) ने लगभग 400 ट्रेनी को नौकरी से निकालने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि यह उनके असेसमेंट में तीन बार असफल होने के बाद किया गया है. कंपनी ने यह भी स्पष्ट किया कि यह दो दशक से चल रहा है और इसमें ट्रेनी को तीन बार असेसमेंट पास करना अनिवार्य है.  सभी ट्रेनी को असेसमेंट पास करने के लिए 3 मौके दिए जाते हैं, अगर वे इनमें असफल रहते हैं तो वे कंपनी के साथ बने नहीं रह सकते”

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आपको बता दें कि यह मैसूर कैंपस का मामला है, जहां वे सितंबर 2024 में शामिल हुए थे और टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, इन्हें निकालने की प्रक्रिया काफी व्यवस्थित तरीके से की गई थी: 50-50 बैच में 9:30 बजे से लैपटॉप लेकर बुलाया गया, सुरक्षा कर्मी और बाउंसर भी मौजूद थे.

कम्पनी की इस कार्रवाई की आलोचना की जा रही है और उन्हें कैंपस छोड़ने के लिए बहुत कम समय दिया गया है. एक महिला कर्मचारी ने मैनेजमेंट से रात को रुकने की विनती की, लेकिन उसे छह बजे तक कैंपस छोड़ने का आदेश दिया गया. कर्मचारी ने कहा, “हम नहीं जानते, अब आप कंपनी का हिस्सा नहीं हैं.”

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2022 बैच के अधिकांश प्रभावित कर्मचारी इंजीनियर थे और इन्फोसिस के मैसूर केंद्र में ट्रेनिंग ली थी.

IT कर्मचारियों की एक यूनियन NITES  ने इन्फोसिस पर बर्खास्तगी के दौरान धमकाने के आरोप लगाए हैं. NITES अध्यक्ष हरप्रीत सिंह सलूजा ने कहा, “कंपनी ने बाउंसर और सुरक्षा कर्मियों का उपयोग कर्मचारियों को डराने-धमकाने के लिए किया और उन्हें मोबाइल फोन रखने की अनुमति नहीं दी, ताकि वे इस घटना को कैद नहीं कर सकें या किसी से मदद नहीं मांग सकें.”