रायपुर. सरकारी कर्मचारियों के लिए एक अच्छी खबर है. राज्य शासन द्वारा सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को राज्य में और राज्य के बाहर इलाज कराने के लिए 41 अस्पतालों को आगामी एक साल के लिए मान्यता दी गई है. इनमें रायपुर, बिलासपुर, धमतरी के प्राइवेट अस्पतालों सहित नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) भी शामिल हैं. साथ ही नागपुर, इंदौर व अन्य प्रतिष्ठित अस्पतालों को मान्यता दी गई है.

छत्तीसगढ़ सरकार के कर्मचारियों के इलाज के लिए इन अस्पतालों को एक अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2019 तक की अवधि के लिए मान्यता दी गई है. इस संबंध में चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा आज परिपत्र जारी कर दिया गया है. शासन द्वारा जारी परिपत्र में कहा गया है कि राज्य के अंदर मान्यता प्राप्त अस्पतालों में शासकीय सेवकों और उनके परिवार के आश्रित सदस्यों का उपचार कराने के लिए संबंधित जिले के सिविल सर्जन की अनुशंसा अनिवार्य होगी.

आकस्मिक परिस्थिति में इलाज प्रारंभ करने से 48 घंटे की समय-सीमा के भीतर संचालक चिकित्सा शिक्षा और संबंधित विभागाध्यक्ष को सूचित करना अनिवार्य होगा. साथ ही आकस्मिक परिस्थिति में उपचार कराए जाने संबंधी प्रकरणों में नियमानुसार कार्योत्तर स्वीकृति प्राप्त करनी होगी. इसी तरह राज्य के बाहर मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में उपचार कराने के लिए मरीजों को पहले चिकित्सा महाविद्यालय के रेफरल कमेटी का रेफरल प्रमाण पत्र और चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में संबंधित रोगों की जांच उपचार विषय विशेषज्ञों की सुविधा उपलब्ध नहीं होने पर यथास्थिति संयुक्त संचालक सह अधीक्षक उप संचालक रिफर कर सकेंगे.

परिपत्र में आगे कहा गया है कि शासकीय सेवकों को उनके परिवार के सदस्यों की उपचार की दर सीजीएचएस योजना के तहत केंद्र सरकार के कर्मचारियों के लिए लागू उपचार की दरों पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाएगी. मान्यता प्राप्त निजी अस्पतालों में उपचार कराए जाने पर इलाज तत्काल शुरू किया जाएगा और उनसे अग्रिम धन राशि के अभाव में इलाज में लापरवाही नहीं की जाएगी, इस बात पर विशेष ध्यान रखे जाने का परिपत्र में निर्देश जारी हुआ है.

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