रायपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में आज आयोजित वर्चुअल कार्यक्रम में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत छत्तीसगढ़ के 23.59 लाख से अधिक किसानों के बैंक खातों में 483.85 करोड़ रुपए डीबीटी के माध्यम से अंतरित की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के किसानों को विभिन्न कृषि उत्पादों का उत्पादन करना चाहिए. दुनिया के सभी घरों के डायनिंग टेबल पर भारतीय खाद्यान्न का कोई न कोई खाद्यान्न उत्पाद होना चाहिए, तभी इस देश के किसान को उन्नत किसान कहा जा सकेगा.
वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कृषि निर्यात में और वृद्धि हो ऐसे कदम भविष्य में उठाए जाएंगे. किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए आगे कदम बढ़ाना चाहिए. किसानों के सम्मान बढ़ाने और आय को दोगुनी करने के लिए सरकार निरंतर सकारात्मक प्रयास कर रही है. किसान, मजदूर, नारी-शक्ति और गरीब भारत के मजबूत आधार स्तंभ हैं. उन्होंने कहा कि खेती को नई दिशा देने में महिलाओं की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता. कृषि सखी के रूप में खेती को एक नई ताकत देने के लिए पूरे देश के महिला समूहों को इससे जोड़ा जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत देश के 3 करोड़ से अधिक परिवारों को नए आवास स्वीकृत किए गए है. आने वाले दिनों में इन परिवारों को इसका लाभ मिलना शुरू हो जाएगा. इसी तरह ‘नमो ड्रोन दीदी योजना‘ के तहत देश के 3 करोड़ महिलाओं को करोड़पति दीदी बनाने की पहल शुरू हो गई है. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत आज 17वीं किश्त जारी की. इस योजना के तहत देश के 9 करोड़ 26 लाख से अधिक लाभार्थी किसानों को 20 हजार करोड़ रुपए सीधे उनके बैंक खातों में अंतरित की गई.
प्रदेश में अब किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं : बृजमोहन अग्रवाल
राज्य के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय की ओर से कृषि और किसानों को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहा है. प्रदेश में अब किसान जैविक खेती की ओर बढ़ रहे हैं. जैविक खेती से न केवल स्वास्थ्य में सुधार होगा अपितु खेतों की मिट्टी की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी. किसानों को अब सिर्फ धान की फसल ही नहीं अपितु वर्ष भर आय देने वाली फसल दलहन, तिलहन, फल-फूल, हार्टीकल्चर, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि का भी फसल लेना चाहिए. उन्होंने कहा कि मोटे अनाज और औषधि फसल को भी व्यापक रूप में बढ़ावा देना चाहिए.
कृषि विभाग, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय और कृषि विज्ञान केंद्र के संयुक्त तत्वाधान में एक दिवसीय जैविक कृषक सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देते हुए मृदा एवं फसल प्रबंधन और उद्यानिकी फसलों के बारे में कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को विस्तार से जानकारी दी. इस अवसर पर विधायक अनुज शर्मा, रायपुर कलेक्टर गौरव सिंह, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल सहित संबंधित अधिकारी-कर्मचारी व बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे.
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