अलीराजपुर. अलीराजपुर में सामाजिक कुरीति का एक वीभत्स चेहरा सामने आया है. जिले के नानपुर थाना क्षेत्र के मोरी फलिया में 40 साल पहले घर से भागकर शादी करने वाली 58 वर्षीय सन बाई की मौत के बाद मायके वालों ने बखेड़ा खड़ा कर दिया. अंतिम क्रिया के पहले ही सन बाई का शव ससुराल से उठाकर मायका गांव उंडवा लेकर आ गए.

मृतका ने 40 साल पहले भागकर शादी कर ली थी

दरअसल क्षेत्र में प्रचलित आदिवासी सामाजिक रीति रिवाज के अनुसार भागकर शादी करने वाले दंपती पर समाज की पंचायत में कुछ दंड निर्धारित किये जाते है. जिसे दापा कहते है. इस दंड (दापा) को प्राप्त करने का अधिकार महिला के मायके पक्ष को होता है. चार दशक पहले सन बाई के विवाह के समय निर्धारित इस सामाजिक दंड को अभी तक चुकाया नहीं गया था. वहीं मृतका के भाई ज्ञानसिंह का कहना है कि उन्होंने दितिलिया चंगोड़ से भागकर शादी कर ली थी. उस समय सामाजिक बैठक में 5000 रुपये और एक बकरे के दंड़ से दंडित किया गया था. उस दण्ड का भुगतान अभी तक दितिलिया द्वारा नहीं किया गया. इसलिये उसे या उसके परिवार को सनबाई का अंतिम संस्कार करने का हक नहीं है.

दंड के पैसे देने पर ही हुआ समझौता

मृतका के परिजन मोहन सिंह निवासी मोरी फलिया ने बताया कि अंतिम क्रिया के समय सन बाई के घर पहुंचे. उसके मायके वालों ने उसके शव को अपने कब्जे में लिया और उसे अपने घर ले जाने लगे. बाद में कुछ लोगों के समझाने पर दोनों पक्ष नानपुर थाने पहुंचे. जहां घंटों चले विवाद के बाद मृतका के 10 बच्चों ने 5-5 सौ रुपये एकत्रित कर अपने मामा ज्ञान सिंह को दिया. इसके बाद मृतका सन बाई का अंतिम संस्कार हो सका.

पुलिस ने माना अहस्तक्षेप योग्य मामला

मामला थाने जरूर पहुंचा था. दोनों पक्षों की ओर से किसी प्रकार की कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई गई. मामला सामाजिक रीति रिवाज से जुड़ा होने के बाद पुलिस ने इसे अहस्तक्षेप योग्य मानकर इसमें दखल नहीं दिया.