कृषि क्षेत्र में भी किसानों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिये युवाओं और किसानों को कृषि स्टार्टअप करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है. इसके लिए केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर आर्थिक सहायता भी मुहैया करवा रही हैं. कृषि स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र (Ecosystem) के समग्र मार्गदर्शन के लिए कृषि मंत्री की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय संचालन समिति गठित की जाएगी. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने दिल्ली में यह जानकारी दी.

एग्री स्टार्टअप की सफल पहलों को आगे बढ़ाने के लिए 500 करोड़ रुपये का एक्सीलरेटर प्रोग्राम शुरू किया जाएगा. जिसमें बाजार की जरूरतों को पूरा करने के लिए ई-नाम व नेफेड जैसी संस्थाओं के साथ एक मार्केटिंग लिंकेज बनाया जाएगा. यह भी बताया एग्री स्टार्टअप कॉन्क्लेव का आयोजन राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर करने का प्रयास किया जाएगा.

PPP Model के तहत योजनाओं की साझेदारी

स्टार्टअप की पहल से किसानों को मूल्य श्रृंखला में अपने निवेश और श्रम का सबसे अच्छी परिणाम मिल पाया है. कई स्टार्टअप खेती से जुड़े अन्य सहयोगी कार्यों में जैसे डेयरी, मुर्गी पालन, मछली पालन, सूअर पालन, मधुमक्खी पालन और ऐसे अन्य क्षेत्रों में अपनी सेवाएं मुहैया करा रही है. इनमें से कुछ स्टार्टअप सार्वजनिक-निजी भागीदारी के (PPP Model) के तहत सरकार की विभिन्न योजनाओं में साझेदारी करके आधिकारिक रूप से कृषि विकास योजनाओं को बढ़ावा देने में मदद कर रही हैं.

केवल 5 फीसदी स्टार्टअप कृषि क्षेत्र में

देश में तकरीबन 70,000 स्टार्टअप है. इनमें से केवल पांच फीसदी ही कृषि क्षेत्र में हैं. बाकी स्टार्टअप सूचना प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य देखभाल, शिक्षा, ई-कॉमर्स और अन्य तकनीक आधारित क्षेत्रों में हैं. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार तकनीक को विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है. सरकार चाहती है कि हमारे स्टार्टअप विद्यमान चुनौतियों का समाधान करते हुए देश-दुनिया के काम आए.