रायपुर. कॉनफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने कहा कि प्रदेश के लगभग 250 व्यापारिक संगठनों से जुडे़ 6 लाख व्यापारी अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रख कर जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे. 22 मार्च को प्रदेश भर में कोई कारोबार नहीं होगा. व्यापारियों के 24 लाख कर्मचारी भी उस दिन घर में रहेंगे. प्रदेश के व्यापारी संगठनों ने इस जनता कर्फ्यू का समर्थन किया है.

कैट के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा की प्रधानमंत्री की यह पहल कोरोना वायरस के खतरे को कम्युनिटी ट्रांसमिशन में न बदले जाने की एक राष्ट्रीय कवायद है जो बेहद जरूरी है उन्होंने बताया की प्रदेश लगभग 6 लाख व्यापारी जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे.
प्रदेश के लगभग 250 व्यापारिक संगठनों से जुडे़ 6 लाख छोटे बड़े व्यापारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 22 मार्च को जनता कर्फ्यू के आहृवान में शामिल होकर अपने व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रखेंगे. यह घोषणा कॉन्फेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने करते हुए कहा कि कोरोना वायरस के संभावित कम्युनिटी ट्रांसमिशन बढ़ते को रोकने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा उठाया गया यह बहुत ही प्रभावी और सकारात्मक कदम है. प्रदेश के व्यापारी इस घोषणा का पूरी तरह समर्थन करते हैं. प्रदेश में थोक बाजार रविवार को बंद रहते हैं लेकिन अधिकांश रिटेल बाजार रविवार को खुलते हैं लेकिन इस रविवार को प्रदेश के सभी थोक एवं रिटेल बाजार पूरी तरह बंद रहेंगे और जनता कर्फ्यू में शामिल होंगे.

पारवानी ने बताया कि प्रधानमंत्री के राष्ट्र के नाम सम्बोधन के बाद कैट सी.जी चैप्टर ने प्रदेश के लगभग 250 व्यापारिक संगठनो से जुडे़ 6 लाख छोटे बड़े व्यापारियो के शामिल होने की सहमति मिल गयी जिसके उपरांत कैट ने 22 मार्च को देश भर के व्यापार बंद होने की आज घोषणा की है. उन्होंने कहा की कोरोना का कम्युनिटी ट्रांसमिशन रोकने की दिशा में यह कदम बेहद कारगर साबित होगा.

पारवानी ने यह भी बताया कि फिलहाल प्रदेश की सप्लाई चैन में पर्याप्त मात्रा में सामान उपलब्ध है लेकिन प्रदेश के अनेक हिस्सों में लोगों ने पैनिक खरीदादरी शुरू कर दी है और यदि इसे नहीं रोका गया तो सप्लाई चैन में बहुत जल्द ही सामान समाप्त हो जायेगा. इस बात को ध्यान में रखते हुए कैट ने प्रदेश भर के व्यापारियों को सलाह भेजी है की कोई भी व्यक्ति यदि उनसे सामान्य आवश्यकता से अधिक सामान खरीदता है तो ऐसे में व्यापारी बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से उस खरीददार को केवल जरूरत के मुताबिक सामान खरीदने के लिए प्रेरित करें. यह समय व्यक्तिगत लाभ का नहीं है क्योंकि देश एक बहुत बड़े वैश्विक महामारी से जूझ रहा है और ऐसे में व्यापारियों की जिम्मेदार भूमिका देश के लिए बहुत जरूरी है.