संतोष तिवारी, जगदलपुर। बस्तर जिले के  बकावंड जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी ग्राम पंचायत के सरपंच सचिवों को दबाव डालकर 15 अगस्त को खुले में शौच मुक्त ओडीएफ घोषित करने की तैयारी में है जबकि जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायतों में 70% शौचालय नहीं बने हैं जिससे ऐसा लगता है कि मुख्य कार्यपालन अधिकारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस ड्रीम प्रोजेक्ट से पिंड छुड़ाना चाहते हैं!
जिला मुख्यालय से लगभग 16 किलोमीटर दूर स्थित बकावंड जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत ढोढरेपाल सरगीपाल राजनगर ब्लॉक मुख्यालय बकावंड कौवावंड मोंगरापाल सहित लगभग एक दर्जन से ज्यादा गांव का भ्रमण करने के बाद जो स्थिति देखने को मिली वह चौंकाने वाली है इन गांवों मैं ग्राम पंचायत की उदासीनता के चलते शौचालय अपूर्ण है और ग्रामीणजनों का आरोप है कि 1-2 काम करने के बाद पंचायत के लोग शौचालय बनाने में दिलचस्पी नहीं ले रहे हैं! जब ग्राम पंचायतों में शौचालय का निर्माण ही नहीं हुआ तो जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय चंदेल किस आधार पर पूरे जनपद को खुले में शौच मुक्त जनपद घोषित करना चाहते हैं!
जिला प्रशासन को भेज चुके हैं प्रस्ताव
बकावंड जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी खुले में शौच मुक्त जनपद घोषित करने के लिए जिला प्रशासन को प्रस्ताव भेज चुके हैं और जिला प्रशासन ने भी इस पर मोहर लगा दी है! बिना जमीनी सच्चाई जाने जिला प्रशासन ने कैसे इतनी महत्वपूर्ण योजना को लागू करने की तैयारी की जा रही है वह भी जांच का विषय है!
मुख्य कार्यपालन अधिकारी विवादित लेकिन प्रशासन मेहरबान
जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संजय चंदेल हमेशा से ही विवादित रहे हैं किंतु हर बार जिला प्रशासन उनका साथ देता है कई लोगों का कहना है कि उन्हें राजनीतिक संरक्षण प्राप्त है!
क्या है ओडीएफ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले के प्राचीर से पूरे भारत को खुले में शौच मुक्त बनाने के लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना लागू की है जिसके तहत गांव गांव में शौचालय बनाया जाना है वही  ओडीएफ कहलाता है किंतु जिला पंचायत द्वारा सतत मानिटरिंग नहीं करने के कारण जनपद पंचायत अपनी मनमर्जी पर उतारू है और गांव में शौचालय अपूर्ण है!
योजना प्रभारी सेठिया रहे नदारद
लगभग 10 से 12 ग्राम पंचायतों का दौरा करने के बाद लल्लू राम .काम की टीम ने जनपद पंचायत जाकर ओडीएफ योजना के प्रभारी सेठिया से जानकारी लेने जब उनके कक्ष में गए तो कार्यालय में समय में योजना प्रभारी सेठिया नदारद रहे जिससे ओडीएफ के संबंध में जानकारी नहीं मिल पाई!