राजधानी दिल्ली में शिक्षा निदेशालय की ओर से सरकारी स्कूलों में किए गए एक सर्वे में हैरान और परेशान करने वाले खुलासे हुए हैं। सर्वे के मुताबिक, दिल्ली के कई सरकारी स्कूल स्मार्ट क्लास रूम तो दूर बिजली-पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं से भी वंचित हैं। हैरानी की बात यह है कि इनमें नई दिल्ली क्षेत्र के भी कई स्कूल शामिल हैं। हाल यह है कि स्कूल में पढ़ाई तो होती है, लेकिन छात्र पानी घर से बोतल में लेकर आने को मजबूर हैं।

सर्वे के मुताबिक, 703 स्कूल दिल्ली जल बोर्ड (DJB) या MES से जुड़े हुए हैं. इनमें से 59 स्कूलों ने अनियमित जलापूर्ति और 48 स्कूलों ने पानी बिल्कुल न मिलने की शिकायत दर्ज की है. 22 स्कूल पूरी तरह टैंकर पर निर्भर हैं, जिनमें से 4 स्कूलों ने DJB कनेक्शन के लिए आवेदन किया है. 10 स्कूलों में बिल्कुल पानी नहीं है जिनमें 3 पुनर्निर्माणाधीन हैं और 7 पड़ोसी स्कूलों या टैंकरों से पानी की व्यवस्था कर रहे हैं. इसके अलावा, 64 स्कूल बोरवेल और सबमर्सिबल से पानी की आपूर्ति कर रहे हैं.

‘पानी की गुणवत्ता जांचें’

शिक्षा निदेशालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी डीडीई से आपातकालीन कार्यवाही करने का अनुरोध किया है। जिन स्कूलों में डीजेबी कनेक्शन नहीं है, उन्हें तुरंत डीजेबी कनेक्शन के लिए आवेदन करने के लिए कहा गया है। बोरवेल पर निर्भर स्कूलों में स्वास्थ्य विभाग के साथ समन्वय कर नियमित रूप से पानी की गुणवत्ता की जांच करने की सलाह दी है।

बिजली की स्थिति

सर्वे में यह भी सामने आया कि 6 स्कूलों में पुनर्निर्माण कार्य के कारण बिजली उपलब्ध नहीं है. वहीं, 793 बिजली वाले स्कूलों में से 17 स्कूल बार-बार बिजली कटौती की समस्या से जूझ रहे हैं.

विभाग के आपात निर्देश

शिक्षा विभाग ने इस स्थिति को आपातकालीन मानते हुए तुरंत कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. जिन स्कूलों में DJB कनेक्शन नहीं है, उन्हें तुरंत आवेदन करने का आदेश दिया गया है. टैंकर पर निर्भर स्कूलों के लिए DJB से विशेष आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही गई है. बोरवेल और सबमर्सिबल वाले स्कूलों में पानी की गुणवत्ता की नियमित जांच करने का निर्देश दिया गया है. प्रभावित स्कूलों की बिजली समस्या दूर करने के लिए DISCOMs से संपर्क करने का आदेश भी जारी किया गया है. 16 स्कूलों में सोलर पैनल लगाने की संभावना पर विचार करने और साझा प्रांगण वाले स्कूलों को अलग-अलग मीटरिंग व्यवस्था देने की सिफारिश की गई है.

शिक्षा विभाग का संदेश

विभाग ने साफ कहा है कि किसी भी हाल में बच्चों की पढ़ाई प्रभावित नहीं होनी चाहिए. इसलिए सभी DDEs को निर्देश दिए गए हैं कि वे स्कूलवार कार्रवाई की रिपोर्ट तय समयसीमा के भीतर सौंपें.

बता दें कि, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की अगुवाई वाली पिछली आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने शिक्षा और स्वास्थ्य क्रांति का दावा कर खूब सुर्खियां बटोरी थीं। ऐसे में शिक्षा निदेशालय की यह रिपोर्ट हैरान करने और उसके दावों पर सवाल उठाने वाली है। इसमें नई दिल्ली क्षेत्र इसलिए भी खास है क्योंकि यह अरविंद केजरीवाल का निर्वाचन क्षेत्र रहा था।

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