रेणु अग्रवाल, धार। मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक धार (Dhar) के भोजशाला (Bhojshala ASI survey) में आज एएसआई सर्वे का 79वां दिन रहा। सुबह 8:00 बजे 17 मजदूरों के साथ 18 ASI अधिकारियों ने परिसर में प्रवेश कर शाम 5 बजे तक सर्वे खत्म किया। जिसके बाद टीम बाहर निकली। हिंदू-मुस्लिम याचिकाकर्ता की मौजूदगी में सर्वे किया गया।

आज पश्चिम उत्तर के कोने में बनी हुई ट्रेंच का नक्शा बनाया गया। फिर उस ट्रेंच को मिट्टी डालकर बंद कर दिया गया। उत्तरी भाग में मिट्टी हटाने का काम किया गया था, उसमें पांच अवशेष प्राप्त हुए हैं। जिसे सर्वे टीम ने अपने संरक्षण में लिया है। वहीं गर्भगृह में खंभों की चित्रकारी की गई। फोटोग्राफी वीडियोग्राफी की गई।

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भोजशाला मुक्ति यज्ञ के संयोजक गोपाल शर्मा ने बताया कि ट्रेंच में से पहले पानी साफ किया गया, फिर पश्चिम उत्तर के कोने में बनी हुई ट्रेंच का नक्शा बनाया गया। उत्तरी भाग में जो मिट्टी हटाने का काम किया गया था, उसमें पांच अवशेष प्राप्त हुए हैं। सर्वे टीम ने उन्हें अपने संरक्षण में लिया है। इसके साथ ही खम्भों और दीवारों के पत्थर पर आकृतियां बनी हुई है, जिसे एएसआई की टीम ने अपने संरक्षण में लिया। गर्भगृह में खंभों की चित्रकारी की गई है, जिसकी फाइनल टचिंग चल रही है।

कमाल मौलाना वेलफेयर सोसाइटी के अध्यक्ष अब्दुल समद ने कहा कि, आज उत्तरी और पश्चिम भाग में कॉर्नर पर बनी ट्रेंच में भराव का काम किया गया। लगभग उसका काम पूरा कर लिया गया है। कल उसका भराव भी पूरा कर लिया जाएगा। उत्तर दिशा में खोदी गई ट्रेंच को भरा गया है। मिट्टी से मिले पुराने अवशेष की क्लीनिंग ब्रशिंग की गई है। आज खुदाई बंद थी, जिसके कारण कुछ अवशेष नहीं मिले।

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