रेणु अग्रवाल, धार। आज भोजशाला के सर्वे के 7वें दिन लगभग 8 घंटे काम चला। ASI के अधिकारी नए उपकरणों के साथ भोजशाला पहुंचे थे। आज भोजशाला में पीछे की ओर खुदाई की गई वहीं आगे की मैपिंग की गई। खुदाई के कार्य को आगे बड़ाया गया है। इसके अलावा भोजशाला के ऊपर भी आज मैपिंग की गई। पीछे भी कुछ नए स्थानों को चिन्हित किया गया है।

हिंदू पक्ष के गोपाल शर्मा ने बताया कि प्रतिदिन की तरह ही आज भी सर्वे का काम जारी रहा। ऐसा कुछ भी नहीं निकला है, आपको बता कर मैं उत्साहित हूं कि सर्वे पॉजिटिव दिशा में ही चल रहा है। आने वाले समय में निश्चित ही हमको सुखद परिणाम मिलेंगे। अभी तक बेस ही तैयार हुआ है। कुछ प्वाइंट नोट हो गए हैं। आज भोजशाला की छत पर भी जांच हुई है। भोजशाला के पीछे की और कुछ नए स्थान को प्वाइंट आउट किया है। आज दो नए लोग एएसआई की टीम में आए हैं वह अलग विधाओं के जानकार हैं।

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नगर में सभी समाधि नाथ संप्रदाय की…

मुस्लिम पक्ष के अब्दुल समद के द्वारा भोजशाला को मिस्ट्री बताए जाने पर गोपाल शर्मा ने कहा कि राजा भोज दसवीं शताब्दी के थे, यहां पर कमाल मौलाना कमल नाथ की समाधि थी, जिस पर शिवलिंग स्थापित था, सभी जानते हैं कि एक समय यहां नाथ संप्रदाय का भी समय था, पूरा शहर बसा था, काल भैरव सिद्ध क्षेत्र था। नगर में जितनी भी समाधि है सभी नाथ संप्रदाय की है। 437 समाधियां नाथ संप्रदाय की नगर में मौजूद हैं।

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जो सत्य होगा सामने आएगा

यहां कमल नाथ जी की समाधि है, काल भैरव के जो पुजारी हैं उनके पास इतिहास लिखा हुआ है कि यह उनकी समाधि है और उसी पर शिवलिंग था। अब यह उनकी हो गई और जिस कमाल मौलाना की यह बात कर रहे हैं उनकी मजार तो अहमदाबाद में बनी हुई है। यह तो उनका अपना तरीका देखने का है, सांच को आंच क्या। हम तो कह रहे सर्वे करवा लो उस स्थान का, जो सत्य होगा सामने आएगा।

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भोजशाला का भी बदलेगा टाइटल

गोपाल शर्मा ने आगे कहा कि आपको भी जानकारी में होगी कि जब कलेक्टर राजेश राजोरा थे अकल कुई के पास से 10 टन वजन की विष्णु जी की प्रतिमा निकली थी, जो आज भी मांडवा के जहाज महल में रखी है। उसी प्रतिमा में नारायण जी सोए हुए हैं और लक्ष्मी जी उनके पैर दबा रही हैं। यह प्रतिमा अकल कुई के पास से निकली थी। आज भी भोजशाला परिसर के आसपास जाकर देख लीजिए कितनी ही प्रतिमाएं हैं जो भोजशाला की गाथा को गा रही है। निश्चित ही आने वाले समय में सच सामने आएगा। जो भोजशाला के लिए नींव का पत्थर साबित होगा। अयोध्या का टाइटल बदला है, काशी का टाइटल बदला है, निश्चित ही धार की भोजशाला का भी टाइटल बदलेगा। यह मां का मंदिर है।

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