गौरव जैन, गौरेला-पेन्ड्रा-मरवाही। गौरेला जनपद पंचायत इन दिनों सुर्खियों में है. ताजा मामला यहां की अध्यक्ष ममता पैकरा (कांग्रेस) के खिलाफ 16 जनपद सदस्यों में से 11 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव कलेक्टर को सौंपा है. इस अविश्वास प्रस्ताव की सबसे खास बात यह है कि जिन 11 जनपद सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव सौपा है, उसमें से 8 सदस्य कांग्रेस के हैं और अन्य 3 भाजपा से हैं.

इस अविश्वास प्रस्ताव अगुवाई गौरेला जनपद उपाध्यक्ष सविता राठौर (कांग्रेस) कर रही है इनके साथ अन्य 10 जनपद सदस्यों ने यह कहते हुए अविश्वास प्रस्ताव दिया है कि जनपद अध्यक्ष ममता पैकरा बिना सहमति के मनमानी तरीके से कार्य कराती हैं. जानकारी मांगे जाने पर सदस्यों के साथ दुर्व्यवहार के साथ साथ जनपद सदस्यों के क्षेत्र का कार्य ठेकेदारों द्वारा कराए जाने का आरोप लगाया है.

लल्लूराम.कॉम के संवाददाता ने जब इस संबंध में अध्यक्ष ममता पैकरा से जानकारी ली, तो उन्होंने इन सारे आरोपों को आधारहीन बताया. इनका कहना है कि सारे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं और मैंने अध्यक्ष होने के नाते किसी भी प्रकार कोई ऐसा कार्य नहीं किया, जिस पर कोई उंगली उठाई जा सके. आरोप बेबुनियाद हैं, किसी भी प्रकार की जांच के लिए तैयार हूं.

इन सब प्रकरणों से साफ दिख रहा है कि GPM कांग्रेस के अंदर कुछ अच्छा नहीं चल रहा है. कई मामलों में अंतर्कलह सामने आ जा रही है. इसके पहले जिला अध्यक्ष को लेकर भी काफी उठापटक हुई थी. ये मामला जैसे ही ठंडा पड़ा कि कांग्रेस की जनपद पंचायत अध्यक्ष का अविश्वास प्रस्ताव सामने आ गया. ममता पैकरा आदिवासी अंचल क्षेत्र में कांग्रेस का जाना पहचाना चेहरा है. यह प्रस्ताव पारित होता है, तो सत्तादल को इसकी कीमत चुकानी पड़ सकती है.

कलेक्टर को अविश्वास प्रस्ताव का ज्ञापन सौपा गया है. उनमें मुख्य रूप से जनपद सदस्य सविता राठौर , गुंजन राठौर , वर्षा तवर , जमीला लोधा , सुमित्रा सोनवानी , गायत्री राठौर , छत्रपाल पैकरा , सहदेव वाकरे , मोनिका कोरी , रामप्यारी बैगा , पवन पैकरा शामिल है .

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