कपिल मिश्रा,शिवपुरी। मध्यप्रदेश के शिवपुरी जिले के सहकारी बैंक कोलारस से करीब 80 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपी बैंक कैशियर, एक महिला और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया है. इनके करोड़ों की संपत्तियों का भी पुलिस ने खुलासा किया है. दरअसल जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस शाखा प्रबंधक जनार्दन सिंह कुशवाह और जिला सहकारिता उपायुक्त मुकेश जैन ने अपने 15 बैंक कर्मचारी-अधिकारियों और अन्य के खिलाफ 80 करोड़ 56 लाख 21 हजार 342 रुपए की शासकीय राशि का षडयंत्र पूर्वक गबन कर खातों में फर्जी जमा की एंट्रियां कर नगद, चेक और NEFT कर घोटाला किये जाने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. जिसके बाद कोलारस थाने में अपराध पंजीबद्ध किया गया था.

Exclusive: फार्म हाउस से निकलेंगे गड़े मुर्दे! गैंगरेप का आरोपी पत्नी के सामने नाबालिग लड़कियों से करता था दुष्कर्म, लंबे समय से नौकरानी और बेटी गायब, एक टीम छग रवाना

पुलिस ने एक हजार रुपए इनामी मुख्य आरोपी कैशियर राकेश पाराशर को वृंदावन उप्र से गिरफ्तार किया. आरोपी ने पुलिस पूछताछ में बताया कि उसके पिता सहकारिता बैंक में सुपरवाइजर के पद पर बदरवास शाखा में पदस्थ थे. 1996 में उनकी मौत होने से मुझे अनुकंपा नियुक्ति वर्ष 1997 में चपरासी के पद पर सर्वप्रथम जिला सहकारी बैंक शाखा रन्नौद में मिली थी. उसके बाद जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस शिवपुरी दोबारा वर्ष 2005 में कोलारस शाखा में पदस्थ रहा. उक्त शाखा में आरोपी भ्रत्य से कैशियर के पद के लिये वर्ष 2010 में शाखा प्रबंधक ने ठहराव प्रस्ताव कर कैशियर के पद पर पदस्थ किया.

कैसे किया 80 करोड़ का घोटाला

तत्कालीन शाखा प्रबंधक द्वारा आरोपी की आईडी वर्ष 2013 में तैयार करवाई उसके बाद से ही तत्कालीन शाखा प्रबंधक, ऑपरेटर और बाद में आये शाखा प्रबंधकों के साथ मिलकर जिला सहकारी बैंक शाखा कोलारस में अपने परिवार एवं परिचितों के खातों में फर्जी जमा राशियों की एंट्रीयां कर उन खातों से NEFT, RGTS और चेक के माध्यम से परिवार, परिचितों और बैंक सहयोगी साथियों के अन्य बैंको के खातों में जमा दिखाकर चैकों के माध्यम से NEFT और नगदी के रूप में 80 करोड़ घोटाला किया. घोटाले की रकम आपस में बांट लिये थे. भारतीय स्टेट बैंक की शाखा कोलारस से चैकों के माध्यम से नगद राशि का आहरण कर गबन किया गया.

ACP ने TI को लगाई फटकार: कहा- युवक की लाश भेजने पर दर्ज करोगे 307 का मुकदमा, 48 टांके लगने के बाद भी पुलिस ने बनाया था मामूली केस

संपत्ति में क्या-क्या मिला ?

इस घोटाले की राशि से आरोपी राकेश पाराशर ने अपने परिवार के नाम से कोलारस में एक मकान, सिंघडा फार्म कोलारस प्लाट, ग्राम गुनाटोरी तहसील कोलारस में 36 वीघा जमीन, कोलारस में दाल मील, आटा मील, गुंजारी नदी कोलारस के पास जमीन, ग्राम कुसवन में जमीन, नई पुरीनी बसें करीब 60-70, ट्रक करीब 15-20 और सोने के जेवरात खरीदना बताया है. बस और ट्रकों को गबन की राशि को छुपाने के लिए फाइनेंस कंपनियों से अगल-अलग फाइनेंस करवाए थे. कुछ पुरानी बसें खरीदी थी, जिनके मालिकों को नगद और खातों में रूपए ट्रांसफर कर दिए थे, लेकिन बसें नाम ट्रांसफर नहीं होने से मूल मालिकों के द्वारा केस लगने से वापस खींच ली गई थी. पुलिस ने संपत्ति जब्त कर लिया है. महिला आरोपी पिंकी यादव से एक XUV कार और उसके भाई से एक स्कोर्पियों बरामद की गई है. मामले में और भी आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं.

Read more- Health Ministry Deploys an Expert Team to Kerala to Take Stock of Zika Virus