दिल्ली. केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने गुरुवार को कहा कि सरकार ने खेल से संबंधित 20 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं पर 103.98 करोड़ रुपए मंजूर किया है. इसके अलावा पिछले 5 वर्षों में भारतीय पुरुष हॉकी टीम पर 65 करोड़ रुपए से अधिक खर्च किए हैं. उन्होंने कहा कि यह पैसा कोचिंग कैंपों, विदेशी प्रतियोगिताओं, घरेलू प्रतियोगिताओं आदि पर खर्च किया गया.
केंद्रीय खेल मंत्री ने कहा कि उनका मंत्रालय ‘मेधावी खिलाड़ियों को पेंशन के लिए खेल कोष’ योजना के तहत सेवानिवृत्ति के बाद 821 खिलाड़ियों को आजीविका के लिए मासिक पेंशन के रूप में सहायता कर रहा है. अनुराग ठाकुर ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा, “इस योजना के तहत, ऐसे खिलाड़ी जो भारतीय नागरिक हैं और जिन्होंने ओलंपिक खेलों, राष्ट्रमंडल खेलों, एशियाई खेलों और विश्व कप/विश्व चैम्पियनशिप (ओलंपिक और एशियाई खेलों में) और पैरालंपिक खेलों में पदक जीते हैं, उन्हें 30 वर्ष की आयु के बाद या सक्रिय खेलों से सेवानिवृत्त होने के बाद 12,000 से 20,000 रुपए तक आजीवन मासिक पेंशन दी जाती है.”
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उन्होंने कहा कि पेंशन भुगतान भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के माध्यम से किया जाता है. “इस समय योजना के तहत 821 खिलाड़ियों को आजीवन पेंशन मिल रही है.”
राज्यसभा में अनुराग ठाकुर ने एक लिखित जवाब में कहा कि “2016 -17 से 2020-21 तक अर्थात बीते 5 वर्षों के दौरान सीनियर हॉकी पुरुष टीम पर 45.05 करोड़ रुपए और जूनियर हॉकी पुरुष टीम पर 20.23 करोड़ रुपए कोचिंग कैंप, विदेशी प्रतियोगिताओं, घरेलू प्रतियोगिताओं, कोचों के वेतन, उपकरण आदि पर खर्च किए गए हैं.”
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उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा, 2016-17 से खेलो इंडिया योजना के तहत हॉकी के लिए 103.98 करोड़ रुपए की 20 बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है.”
बता दें कि सीनियर पुरुष हॉकी टीम ने तीसरे स्थान के लिए हुए मैच में जर्मनी को 5-4 से हराकर 2020 टोक्यो ओलंपिक में कांस्य पदक जीता था. यह एक ऐतिहासिक जीत थी, क्योंकि भारतीय हॉकी टीम ने 41 साल के अंतराल के बाद ओलंपिक में पदक जीता था.
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