लखनऊ. कोविड-19 महामारी के दौरान आठवीं क्लास के छात्रों को ऑनलाइन कक्षाओं के लिए डिजिटल उपकरणों की व्यवस्था करने में सबसे अधिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा था. इसका दावा राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वेक्षण (एनएएस 2021) की एक सर्वे रिपोर्ट में किया गया है. आठवीं कक्षा में 84 प्रतिशत छात्रों को ऑनलाइन क्लासिस में परेशानियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उनके पास घर पर डिजिटल उपकरणों की सुविधा नहीं थी.

सर्वे यूपी के 62,000 से अधिक शिक्षकों और 15,000 स्कूलों में 4.23 लाख छात्रों के बीच किया गया. कोविड-19 के बाद, एनएएस का पहला और सबसे बड़ा सर्वे है. यह सर्वे छात्रों की पढ़ाई पर महामारी के प्रभाव को दर्शाता है. रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में दसवीं क्लास केछात्रों को डिजिटल उपकरणों की व्यवस्था करने में सबसे कम परेशानियों का सामना करना पड़ा.

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सर्वे में तीसरी क्लास के 47 प्रतिशत छात्रों को और पांचवीं क्लास के 48 प्रतिशत छात्रों को डिजिटल उपकरणों की व्यवस्था करने में परेशानी हुई. प्राइमरी सेक्शन, तीसरी और पांचवी क्लास के लगभग 59 प्रतिशत छात्र सिंगिग, पेंटिंग, खाना बनाना सीखा, इनडोर खेल जैसे गतिविधियों में व्यस्त रहे और परिवार के साथ आनंदमय समय बिताया.