रायपुर. घर का मंदिर (Home Temple) एक पवित्र स्थान (Sacred Place) होता है जहां हम ईश्वर (God) से जुड़ते हैं. लेकिन कई बार अनजाने में हम ऐसी गलतियाँ (Mistakes) कर बैठते हैं जो पूजा (Worship) का फल (Benefit) कम कर देती हैं और नकारात्मक ऊर्जा (Negative Energy) को बुलावा देती हैं. आइए जानें ऐसी ही 9 सामान्य लेकिन गंभीर गलतियां.

मंदिर की दिशा गलत (Wrong Temple Direction)
घर के मंदिर को हमेशा उत्तर-पूर्व (North-East, ईशान कोण) या पूर्व दिशा (East Direction) में ही बनाएं. इससे सकारात्मक ऊर्जा (Positive Energy) बढ़ती है. दक्षिण दिशा (South Direction) में मंदिर बनाना अशुभ (Inauspicious) माना जाता है.
खंडित मूर्तियां (Broken Idols)
टूटी या खंडित मूर्तियाँ (Damaged Statues) कभी भी मंदिर में नहीं रखनी चाहिए. ये अशुभता (Bad Luck) लाती हैं और मानसिक तनाव (Mental Stress) बढ़ा सकती हैं.
मूर्ति का आकार (Idol Size)
मूर्ति का आकार (Statue Size) 12 इंच से अधिक नहीं होना चाहिए. भारी-भरकम मूर्तियाँ (Heavy Idols) घर के मंदिर में नहीं रखनी चाहिए.
एक से अधिक मूर्तियां (Multiple Idols)
एक ही भगवान (God) की कई मूर्तियाँ रखना उचित नहीं है. यह ऊर्जा (Energy) को भटकाता है.
मंदिर में अनावश्यक वस्तुएं (Unnecessary Items in Temple)
पैसे (Money), चाबियां (Keys), रसीदें (Receipts) या गैर-धार्मिक वस्तुएं (Non-Religious Items) मंदिर में न रखें. यह अशुद्धता (Impurity) फैलाता है.
गंदगी और धूल (Dirt and Dust)
मंदिर को हर रोज साफ करें (Clean Daily)。 धूल (Dust) या जाले (Cobwebs) होना अत्यंत अशुभ (Highly Inauspicious) माना जाता है.
जूते-चप्पल पहनना (Wearing Footwear)
मंदिर में कभी भी जूते-चप्पल (Shoes or Slippers) पहनकर न जाएं.
रात को मंदिर न ढंकना (Not Covering Temple at Night)
सोते समय मंदिर को एक साफ कपड़े (Clean Cloth) से ढँक देना चाहिए, यह परंपरा (Tradition) और ऊर्जा संतुलन (Energy Balance) के लिए जरूरी है.
बिना स्नान पूजा (Worship Without Bathing)
पूजा से पहले स्नान करें (Bathe Before Worship), ताकि तन (Body) और मन (Mind) दोनों पवित्र (Pure) रहें.