कवर्धा । नगर पालिका की एक बडी गडबडी सामने आई है। जिसमें ठेकेदार द्वारा लिफ्ट लगाने के नाम पर स्वीकृत राशि से दोगुनी राशि एडवांस में दे दी गई । लेकिन आज 9 साल बाद भी कॉम्पलेक्स में लिफ्ट नहीं लगाया गया है,ठेकेदार द्वारा पालिका का पैसा हजम कर दिया गया है । वहीं इस मामले में पालिका द्वारा आज तक कोई कार्यवाई न करना समझ से परे है। जबकि इस मामले में संबंधित ठेकेदार पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत कार्यवाई किया जाना चाहिए था। जो आज तक नहीं किया गया है। वहीं अब मामला सामने आने के बाद पालिका द्वारा फिर से ठेकेदार को नोटिस देकर लिफ्ट लगाने के लिए कहा गया है।
कवर्धा नगर पालिका की एक बार फिर बडी लापरवाही सामने आई है। वर्ष 2009 में नगर पालिका द्वारा शहर के एकता चौक में करोडों की लागत से भारत माता व्यवसायिक का निर्माण कराया गया था,तीन मंजिला इमारत में दिव्यांगो के लिए लिफ्ट लगाने के लिए भी 8 लाख रूपये अलग से स्वीकृति मिली थी। लेकिन तत्कालीन समय में सीएमओ और पालिका के जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से ठेकेदार को लिफ्ट के लिए 8 लाख की बजाय 15 लाख रूपये दी गई, वह भी एडवांड में। आज लगभग 9 साल बाद भी यहां लिफ्ट नहीं लगाया गया है।जिससे साफ जाहिर होता है कि तत्कालीन समय में पालिका के जिम्मेदारी अधिकारी,कर्मचारी और जनप्रतिनिधियों की मिलीभगत से ही दोगुना राशि एडवांस में दिया गया तथा राशि को हजम कर लिया गया है।
इस बात का खुलासा तब हुआ जब कांग्रेस पार्षदों ने पूर्व में किये गए कार्यो को खंगालना शुरू किया। कांग्रेस पार्षद बिलाल खान द्वारा मामला उठाने के बाद नगर पालिका अधिकारी भी मान रहे है कि स्वीकृत राशि से दोगुनी राशि ठेकेदार को दी गई है जो कि गलत है । अब इस पूरे मामले की छानबीन की जा रही है। कवर्धा मुख्यमंत्री का गृह जिला है ऐसे में इतनी बडी लापरवाही विभागीय अनियमितता की ओर इशारा कर रही है ।यदि इस मामले की निष्पक्ष जांच की जाये तो कई अधिकारी और कर्मचारी सहित तत्कालीन जनप्रतिनिधियों पर ही कार्यवाई होना तय है। फिलहाल एक बार फिर से नगर पालिका अधिकारी द्वारा 9 साल बाद भी ठेकेदार को लिफ्ट लगाने के लिए नोटिस देकर मात्र औपचारिकता निभाई जा रही है।