रायपुर. सरकार की ओर से जारी बयान के अनुसार स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव विकासशील ने मंगलवार को मंत्रालय से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टरों, जिला पंचायतों के मुख्यकार्यपालन अधिकारियों और जिला शिक्षा अधिकारियों की बैठक ली. विकासशील ने बैठक में अधिकारियों से पंचायत और नगरीय निकाय संवर्ग के शिक्षकों (शिक्षाकर्मियों) की अनिश्चितकालीन हड़ताल को ध्यान में रखते हुए प्रदेश स्कूलों में पढ़ाई की वैकल्पिक व्यवस्था के बारे में विचार-विमर्श किया.
अधिकारियों ने विकासशील को बताया कि राज्य में मुंगेली और बालोद जिले के कुछ स्कूलों को छोड़कर लगभग 99 प्रतिशत स्कूल खुले हुए है. स्कूल शिक्षा सचिव ने अधिकारियों को राज्य सरकार के निर्देशों की जानकारी दी और उन्हें निर्देश दिए कि बच्चों के व्यापक हित में पढ़ाई की उचित व्यवस्था निरंतर जारी रहे. इसके लिए विभाग के नियमित शिक्षकों और साक्षर भारत कार्यक्रम के प्रेरकों की भी सेवाएं ली जा सकती है. इसके अलावा स्कूल शिक्षा विभाग के ऐसे शिक्षकों को, जो अभी प्रतिनियुक्ति पर अन्य विभागों में कार्यरत है या अन्य कार्यालयों में संलग्न है. उनकी भी सेवाएं पढ़ाई को निरंतर बनाए रखने के लिए ली जा सकती है. स्कूली बच्चों के मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था नियमित रूप से जारी रखने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए गए
विकासशील ने कहा राज्य सरकार की यह भी मंशा है कि स्कूलों में सामान्य रूप से पढ़ाई चलती रहे, इसके लिए जिलों में संचालित सरकारी और गैरसरकारी शिक्षा महाविद्यालयों सहित जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्रशिक्षणार्थियों को भी अध्यापन कार्य में लगाया जा सकता है. स्वयंसेवी आधार पर अध्यापन के लिए इच्छुक सेवानिवृत्त शिक्षकों और अन्य व्यक्तियों की भी सेवाएं ली जा सकती है. जिन क्षेत्रो में विद्या मितानों के नियोजन का प्रावधान है. वहां आवश्यकता के अनुसार अतिरिक्त संख्या में उन्हें भी निर्धारित नियम प्रक्रिया के अनुसार स्कूलों में अध्यापन कार्य दिया जा सकता है.